राष्ट्रीय पुस्तक मेला का दूसरा दिन : पुस्तक मेले में ढूंढी चंदन के किवाड़, बादशाह सलामत हाजिर हों
लखनऊ, अमृत विचार: अशोक मार्ग स्थित बलरामपुर गार्डन में शुरू हुए 22वें राष्ट्रीय पुस्तक मेले में शुक्रवार को पुस्तक प्रेमियों की भीड़ उमड़ी। लोग अपनी पसंद की पुस्तकें तलाशे नजर आए। राजपाल एंड संस की नई कृतियों में विष्णु नागर की व्यंग्य पुस्तक आदमी की पूंछ, आदिवासी समाज पर केंद्रित हरिराम मीणा की जल जंगल जमीन और जयंती रंगनाथन की मिडिल क्लास मंचूरियन खूब पसंद की जा रही है।
5.jpg)
वाणी प्रकाशन के स्टाल में लोकगायिका मालिनी अवस्थी की स्मृति कथाओं पर आधारित पुस्तक चंदन किवाड़ में लोक की मिट्टी की गंध है। बालेन्दु द्विवेदी की किस्सागोई के अंदाज़ से लिखी पुस्तक बादशाह सलामत हाजिर हों...! नवाबी दौर की पड़ताल करती है।
6.jpg)
मुगलकालीन हिंदी साहित्यिक परिवेश पर एलिसन बुश की किताब केसव सुनहु प्रवीन का रेयाजुल हक द्वारा किया गया अनुवाद और महत्वपूर्ण है। प्रकाशन संस्थान के प्रमोद भार्गव की औपन्यासिक कृति आर्यावर्त के संग संजना कौल द्वारा अनुवादित ऐतिहासिक आत्मकथा तक दस्तावेज आपबीती तैमूरलंग और पाब्लो नेरुदा के हिंदी अनुवाद पसंद किये जा रहे हैं।
हिंदी साहित्य एवं विविध विमर्श का हुआ विमोचन
संस्कृति मंच पर शुक्रवार को कृति और कृतिकार के तत्वावधान में डॉ. रायबहादुर मिश्र की अध्यक्षता में डॉ. रिंकी की किताब हिंदी साहित्य एवं विविध विमर्श का विमोचन हुआ। चर्चा में महेन्द्र भीष्म, डॉ. विद्यासागर उपाध्याय, सौरभ चतुर्वेदी, अशोक चौधरी, उदयभान पाण्डेय, डॉ. सत्या सिंह, डॉ. करुणा पाण्डे और राजीव वर्मा वत्सल आदि ने भाग लिया। मेधा विकास समिति के महाकवि श्याम नारायण पाण्डेय और राष्ट्रीय चेतना विषयक विमर्श कार्यक्रम में राज्य ललित कला अकादमी उपाध्यक्ष गिरीशचंद्र मिश्र, दिनेश चंद्र अवस्थी, पद्मकांत शर्मा, राजेश राय, राकेश पाण्डे, दिवाकर, प्रभंजन, सौम्या मिश्रा, शिवानी पाल आदि की उपस्थिति में वीर रस के युवा कवि अटल नारायण, प्रयाग, रवि रुद्रांश अवस्थी बाराबंकी और संदीप सिंह अनुरागी बाराबंकी को वाचिक परंपरा तथा प्रशांत दीक्षित को समाजसेवा की उत्कृष्ट सेवाओं के लिया श्याम नारायण पाण्डेय सम्मान से विभूषित किया गया। शुरुआत विश्वम फाउंडेशन के कार्यक्रम में युवा उद्यमी सिद्धार्थ और दिव्यांशु शुक्ल द्वारा अपने पर्यावरण सम्बंधित स्टार्टअप बताने से हुई। शाम को सुंदरम की काव्य गोष्ठी हुई। प्रो. बलवंत सिंह व रश्मि लहर के साथ नरेन्द्र भूषण, ओम नीरव, हरिमोहन बाजपेयी, अवधी हरि, मनु बाजपेयी आदि ने रचनाएं पढ़ीं।
ये भी पढ़े : 'सुरमा बरेली वाला, आंखों का है रखवाला', हाशमी परिवार ने की थी बरेली में सुरमा बनाने से लेकर बिकने की शुरूआत
