ख्याल, ठुमरी हो या गजल, कुलय हैं गायकी में कुशल

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Published By Anjali Singh
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कुलय पांडे डीपीएस, आजाद नगर, कानपुर में कक्षा 9 के छात्र हैं, लेकिन अभी से गायकी के उस्ताद हैं। अंतर विद्यालय संगीत प्रतियोगिता में लगातार दो साल प्रथम रहकर उन्होंने इसे साबित किया है। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ द्वारा वर्ष 2022-23 में आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में ठुमरी गायन में प्रथम स्थान तथा संगीत नाटक अकादमी की संभागीय शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिता में ख्याल और ठुमरी दोनों के गायन में पहला स्थान मिला था।

कुलय की माता रंजना पांडे गृहिणी और पिता संजीव पांडे सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। कुलय के दो भाई हैं, जुड़वा भाई कुशमित भारद्वाज और बड़ा भाई बड़ा द्विज भारद्वाज पांडे है। कुलय की संगीत की प्रारंभिक शिक्षा पहले बाल भवन फिर डॉ. मोनिका सिंह द्वारा हुई। वर्तमान में वह नाथवर्धन इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट में डॉ. सुषमा बाजपेई और रामबाबू भट्ट से नियमित संगीत की शिक्षा ले रहे हैं।

कुलय की गान यात्रा आठ वर्ष पूर्व तब शुरू हुई थी, जब उन्हें केन्द्रीय विद्यालय में आयोजित अलंकरण समारोह में बाल अतिथि कलाकार के रूप में सम्मानित किया गया था। प्रयाग संगीत समिति, प्रयागराज की प्रतियोगिता में भजन व गजल में प्रथम तथा ख्याल में द्वितीय स्थान प्राप्त किया था।

भारतखंडे संगीत विद्यापीठ, लखनऊ से विशारद पूर्ण कर चुके कुलय को लक्ष्मी देवी ललित कला अकादमी द्वारा अयोजित कानपुर के उभरते सितारे प्रतियोगिता में गजल, शास्त्रीय गायन व सिंथेसाइजर में प्रथम स्थान हासिल हुआ था। कथक केंद्र कानपुर की प्रतियोगिताओं में ध्रुपद गायन, ठुमरी, भजन एवं गजल में प्रथम स्थान पाया था। स्वर सर्जना, संगीतांजलि, आरोही की प्रतियोगिताओं में भी कुलय अपने हुनर से शीर्ष पर रहे थे।-संत मिश्रा