मुरादाबाद: मौत के साए में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चे, अधिकारी बेखबर
मुरादाबाद, अमृत विचार। जनपद के परिषदीय विद्यालयों में बच्चे मौत के साए में बैठकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इन बच्चों की जान की पारवाह न तो किसी प्रशासनिक अधिकारी को है और न ही संबंधित शिक्षाधिकारी को। भले ही ग्रामीण क्षेत्र में बने जर्जर विद्यालयों की मरम्मत को लेकर यहां के बाशिंदों और स्कूल …
मुरादाबाद, अमृत विचार। जनपद के परिषदीय विद्यालयों में बच्चे मौत के साए में बैठकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इन बच्चों की जान की पारवाह न तो किसी प्रशासनिक अधिकारी को है और न ही संबंधित शिक्षाधिकारी को। भले ही ग्रामीण क्षेत्र में बने जर्जर विद्यालयों की मरम्मत को लेकर यहां के बाशिंदों और स्कूल प्रबंधन ने संबंधित अधिकारी को अवगत कराया हो लेकिन सभी ने जैसे अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली है।
विद्यालय के जर्जर होने के बाद न जाने कितने मासूमों को अपनी जान की बली देनी पड़ती है। मगर विभागीय अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगती।
जनपद में 1408 परिषदीय विद्यालय हैं। इनमें से 170 विद्यालयों की हालत जर्जर है। इन विद्यालयों के मरम्मत की किसी को चिंता नहीं है। रविवार की शाम भी थाना भोजपुर की ग्राम पंचायत दादूपुर के गांव मेदनीपुर में प्राथमिक विद्यालय के पास मंदिर में खेलते वक्त 13 वर्षीय जयकिशन की विद्यालय के छज्जा गिरने से मौके पर ही मौत हो गई। लेकिन आलाधिकारियों को अभी और मासूमों की जान जाने का इंतजार है।
170 विद्यालय को जर्जर भवन के रुप में चिंहित किया गया है। विद्यालय में स्मार्ट तरीके से पढ़ने और इसके सौंदर्यीकरण के दावे विभाग की ओर से आए दिन सुनने को मिलते रहते हैं, लेकिन विभाग की लापरवाही की वजह से विद्यालय की मरम्मत अभी तक नहीं हो पाई है, जहां बच्चों के सिर पर हर वक्त मौत साया मंडराता रहता है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार ने बताया कि जर्जर विद्यालयों के दोबारा जीर्णोद्धार के लिए विभाग की ओर से खंड शिक्षा अधिकारियों की टीम द्वारा इन विद्यालयों का निरीक्षण किया जा रहा है। वहीं कायाकल्प के तहत होने वाले कार्य जारी हैं। विभाग की ओर से मार्च माह तक सभी स्कूलों की स्थित को बेहतर कर लिया जाएगा।
