Bareilly Violence: तौकीर रजा ने बनाई थी पूरी प्लानिंग... नमाज के बाद भीड़ जुटाकर दिखाना चाहता था ताकत, पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम ने खोले कई रहस्य
बरेलीः इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने शुक्रवार की नमाज के बाद इस्लामिया मैदान में भारी भीड़ इकट्ठा कर अपनी ताकत दिखाने की योजना बनाई थी। आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए वह राजनीतिक दलों को अपने प्रभाव का अहसास कराना चाहता था। यह खुलासा आईएमसी के पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम खां ने पुलिस पूछताछ में किया।
नदीम ने बताया कि पिछले डेढ़ साल से तौकीर रजा बरेली में बड़ी संख्या में भीड़ जुटाने में नाकाम रहे थे। इससे वह अपने प्रभाव को लेकर चिंतित थे। कानपुर में 'आई लव मोहम्मद' के संवेदनशील मुद्दे को देखकर तौकीर को लगा कि वह धार्मिक मुद्दों का सहारा लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम समुदाय में अपनी पैठ बढ़ा सकते हैं। साथ ही, राजनीतिक दलों को अपनी ताकत दिखाकर 2027 के चुनाव से पहले सियासी लाभ ले सकते हैं। तौकीर पहले भी खुद को मुस्लिमों का नेता बताकर कांग्रेस, सपा और बसपा के करीब रहे हैं।
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सियासी ताकत दिखाने के लिए रची बवाल की साजिश
बरेली से बड़ा संदेश देने और अपनी सियासी ताकत दिखाने के लिए तौकीर ने बवाल की साजिश रची। अगर वह अपनी योजना में सफल हो जाता, तो 9 फरवरी 2024 की तरह उसका भाषण भड़काऊ हो सकता था।
फर्जी पत्र जारी कर भीड़ को भड़काने की कोशिश
नदीम खां ने जेल जाने से पहले कई अहम खुलासे किए। उसने बताया कि प्रदर्शन के दिन फर्जीवाड़ा किया गया। नदीम और नफीस ने तीसरे व्यक्ति से प्रदेश मीडिया प्रभारी लियाकत खां के फर्जी हस्ताक्षर करवाकर पुलिस को एक पत्र सौंपा था। नदीम ने बताया कि उसने और नफीस ने रात में पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों से बात की थी। इसके बाद तौकीर से फोन पर सलाह लेकर कार्यक्रम रद्द करने का पत्र जारी किया था।
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लेकिन जब यह पत्र आईएमसी के ग्रुप में पहुंचा, तो तौकीर ने लियाकत खां के नाम और मौजूदगी पर आपत्ति जताई। इसके बाद नदीम और नफीस ने पत्र को हटाकर फर्जी करार दे दिया। सुबह तौकीर ने एक वीडियो जारी कर पत्र को फर्जी बताया और इस पर मुहर लगा दी।
तौकीर के करीबियों में फूट से हुआ बवाल
पुलिस पूछताछ में नदीम ने खुलासा किया कि तौकीर के करीबी दो गुटों में बंटे हुए थे। एक गुट में नदीम और नफीस थे, जबकि दूसरे में मुनीर इदरीशी, अनीस सकलैनी और अहसानुल हक उर्फ चतुर्वेदी शामिल थे। जो गुट तौकीर के ज्यादा करीब होता, दूसरा गुट उसके खिलाफ तौकीर को भड़काता था।
नदीम के अनुसार, उस समय तौकीर उसकी और नफीस की बात ज्यादा मान रहा था। इसलिए जब दोनों ने तौकीर की सहमति से पत्र जारी किया, तो मुनीर के गुट ने तौकीर को भड़काया कि नदीम और नफीस ने लियाकत का नाम बिना उनकी मौजूदगी के शामिल किया और प्रशासन से ज्यादा करीबी दिखाने की कोशिश की। इसके बाद तौकीर ने पत्र को फर्जी बताकर आयोजन की जिद पकड़ ली।
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नदीम का दावा- बवाल में मुनीर और नफीस की थी मुख्य भूमिका
तौकीर को हाउस अरेस्ट किए जाने के बाद नदीम शाहजहांपुर के कटरा में अपने मामा के घर भाग गया था। पूछताछ में उसने दावा किया कि बवाल के लिए भीड़ जुटाने में उसकी कोई बड़ी भूमिका नहीं थी। उसने कहा कि भीड़ इकट्ठा करने में मुनीर इदरीशी और नफीस की मुख्य भूमिका थी। वह तो इस्लामिया मैदान जा रहे लोगों को शांत करने के लिए फोन कर रहा था और तौकीर को समझा रहा था कि प्रशासन की अनुमति न होने के कारण आयोजन नहीं करना चाहिए।
एसएसपी का बयान
एसएसपी अनुराग आर्य ने कहा कि नदीम बवाल का एक प्रमुख आरोपी है। उससे पूछताछ में मिली जानकारी अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी और दर्ज मुकदमों की जांच में महत्वपूर्ण साबित होगी।
