अमेरिका के इतर अन्य देश में बनते शिक्षा के नए विकल्प

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Published By Monis Khan
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अमेरिकी वीजा संबंधी दिक्कतों के कारण भारतीय छात्रों की पसंद बदल रही है। अब छात्रों के कदम अन्य देशों की ओर बढ़ चले हैं। अब वे अमेरिका के अलावा अन्य देशों को प्राथमिकता दे रहे हैं। इन देशों में न केवल अमेरिका से तुलनात्मक रूप से आसान वीजा नीतियां हैं, बल्कि फीस भी कम है। वहीं बेहतर स्टडी के साथ ही जॉब के बेहतरीन अवसर भी मिल रहे हैं, जिससे छात्र अपने भविष्य को लेकर भी आशान्वित हैं। हाल में हुए एक सर्वे के अनुसार, यूके अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए बड़ी पसंद बनकर उभरा है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और जर्मनी भी छात्रों को लुभा रहा है, जहां पढ़ाई के बाद काम के अवसर और अफॉर्डेबिलिटी मुख्य कारक हैं। आज आपको बताते हैं वे कौन से ऐसे देश, जहां छात्र बेहतर करियर बना सकते हैं। 

शिक्षा के लिए सबसे पसंदीदा देश बना जर्मनी
हाल में आई अपग्रेड की ट्रांसनेशनल एजुकेशन (टीएनई) रिपोर्ट 2024-25 के अनुसार अमेरिका और कनाडा की जगह भारतीय छात्रों के लिए जर्मनी पसंदीदा देश बन गया है। एक लाख छात्रों पर आधारित यह अध्ययन बताता है कि अमेरिकी विश्वविद्यालयों में आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या सालाना 13 प्रतिशत कम हो रही है। साथ ही जर्मनी में भारतीय छात्रों का प्रतिशत 2022 के 13.2 से बढ़कर 2024-25 में 32.6 प्रतिशत हो गया। जर्मनी में पढ़ाई करने के लिए छात्रों को एक राष्ट्रीय वीजा के लिए आवेदन करना होता है। यह एक लॉन्ग टर्म वीजा है, जो 90 दिनों से अधिक समय तक यहां रहने की अनुमति देता है। पढ़ाई पूरी होने पर छात्र जॉब सीकर वीजा भी ले सकते हैं। इसके लिए 75 से 100 यूरो यानी 6,600 से 8,800 रुपये का शुल्क देना होता है। यह वीजा जर्मनी में छह महीने तक रहने की अनुमति देता है। नौकरी मिल जाने पर जॉब कैटेगरी के अनुसार प्रोफेशनल वीजा आदि लेना होता है।


ऑस्ट्रेलिया है लोकप्रिय डेस्टिनेशन
ऑस्ट्रेलिया भारतीय छात्रों के लिए सपनों का देश बन चुका है। बीते वर्षों में यहां जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ी है। जून 2024 तक ऑस्ट्रेलिया में 8,39,199 अंतर्राष्ट्रीय छात्र थे, जिसमें भारतीय छात्रों की संख्या 17 फीसदी थी। वर्ष 2023-24 के दौरान ऑस्ट्रेलिया में 1,22,391 भारतीय छात्र थे। वहीं 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 1,39,038 हो गई। 

आस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों को पढ़ने के लिए स्टूडेंट वीजा लेना होता है, जिसके लिए 710 ऑस्ट्रेलियन डॉलर (लगभग 39,000 रुपये) शुल्क व कुछ अन्य शुल्क जैसे-मेडिकल और पुलिस चेक फीस, आइइएलटीएस, टॉफेल या पीटीई परीक्षा शुल्क देना होता है। इसी प्रकार यहां नौकरी करने के लिए पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा, जिसका शुल्क 1895 ऑस्ट्रेलियन डॉलर (लगभग 1.05 लाख रुपये) है, स्किल्ड इंडिपेंडेंट वीजा-यह एक स्थायी निवास वीजा है। एंप्लॉयर स्पॉन्सर वीजा यह एक अस्थायी वीजा है, जो किसी ऑस्ट्रेलियाई कपनी द्वारा प्रायोजित होने पर मिलता है आदि की आवश्यकता पड़ती है।

ब्रिटेन में छात्रों के लिए बेहतरीन अवसर 
हाल ही में राज्यसभा में भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़े के अनुसार, ब्रिटेन (यूनाइटेड किंगडम) में 1,85,000 भारतीय छात्रों ने दाखिला लिया है। नई लेबर सरकार के तहत यूके अपनी अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा रणनीति को संशोधित कर रहा है। इसी के साथ वहां के इंटरनेशनल एजुकेशन चैंपियन सर स्टीव स्मिथ ने भारत को ‘पूर्ण प्राथमिकता’ देश घोषित करके भारतीय छात्रों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराइ है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इसी साल यूके ने दो साल का पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा फिर से शुरू किया है, जिसे ग्रेजुएट वीजा के नाम से भी जाना जाता है। यह वीजा अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को डिग्री पूरी करने के बाद अपने यहां जॉब ढूंढने की अनुमति देता है। यह नीति भारतीय छात्रों के लिए करियर के अवसरों को नए पंख और आशा प्रदान करती है। इस वीजा के लिए आवेदक को किसी नियोक्ता की ओर से नौकरी का प्रस्ताव या स्पॉन्सरशिप की आवश्यकता नहीं होती।

आशाजनक भविष्य का देश बनता न्यूजीलैंड
न्यूजीलैंड भी भारतीय छात्रों के लिए शिक्षा का आशाजनक केंद्र बन कर उभरा है। एजुकेशन न्यूजीलैंड के आंकड़ों के अनुसार, न्यूजीलैंड में वर्ष 2024 में जनवरी से अगस्त के बीच यहां दाखिलों में 34 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। आइडीपी एजुकेशन की रिपोर्ट के अनुसार, जहां 2023 में यह संख्या 7930 थी, वहीं 2024 के पहले आठ महीनों में बढ़कर छात्रों की संख्या 10,640 हो गई। अंग्रेजी भाषी वातावरण, पारदर्शी नीतियों एवं भारतीय संस्थानों के साथ बढ़ते संबंधों के कारण न्यूजीलैंड को अब एक आशाजनक विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। न्यूजीलैंड में पढ़ाई के लिए छात्रों को स्टूडेंट वीजा लेना होता है, जिसका शुल्क 430 से 530 एनजीडी यानी 24 से 30 हजार रुपये के करीब है। साथ ही भारतीय पेशेवरों को यहां नौकरी के लिए पोस्ट स्टडी वर्क वीजा, एक्रेडिटेड एम्प्लॉयर वर्क वीजा, स्किल्ड माइग्रेट कैटेगरी रेजिडेंट वीजा आदि का विकल्प चुनना होगा।

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