बिहार चुनाव के लिए भाजपा की मांग: चुनाव को एक या दो चरणों में कराएं संपन्न, बुर्का पहनने वाली महिलाओं की पहचान करें सुनिश्चित

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Published By Muskan Dixit
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पटना। बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने शनिवार को निर्वाचन आयोग से विधानसभा चुनाव एक या दो चरणों में कराने और मतदान केंद्रों पर बुर्का पहनकर पहुंचने वाली महिलाओं के चेहरे का मिलान मतदाता पहचान पत्र से करने की मांग की। 
उन्होंने कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में बिहार दौरे पर आई आयोग की टीम से मुलाकात करने के बाद जायसवाल ने कहा, ‘‘हमने आयोग से आग्रह किया है कि चुनाव एक या दो चरणों में कराए जाएं। चुनाव प्रक्रिया को अधिक खींचने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही यह भी जरूरी है कि मतदान करने आने वाले मतदाताओं, खासकर बुर्का पहनने वाली महिलाओं की पहचान को उनके चेहरा का पहचानपत्र से मिलान करके सत्यापित किया जाए, ताकि केवल वास्तविक मतदाता ही मतदान कर सकें।’’ 

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी ने आयोग से यह भी अनुरोध किया है कि अति पिछड़े वर्ग और कमजोर तबकों की अधिक आबादी वाले गांवों में अर्धसैनिक बलों की पहले से तैनाती की जाए और फ्लैग मार्च कराया जाए ताकि मतदाताओं में आत्मविश्वास कायम हो सके। उन्होंने कहा कि जिन दियारा क्षेत्रों में ‘बूथ कैप्चरिंग’ का इतिहास रहा है, वहां अश्वारोही बल की तैनाती सुनिश्चित की जानी चाहिए।

जायसवाल ने बताया कि आयोग ने भी राजनीतिक दलों से कुछ सुझाव साझा किए। उन्होंने कहा,‘‘आयोग ने कहा कि मतदान पूर्ण होने के बाद प्रत्येक मतदान एजेंट को ‘प्रेसीडिंग ऑफिसर’(एक तरह का चुनाव अधिकारी) से फॉर्म-17सी लेना चाहिए। अक्सर ऐसा होता है कि एजेंट फॉर्म लिए बिना ही बूथ छोड़ देते हैं, जिससे बाद में अनावश्यक विवाद की गुंजाइश रहती है।’’ 

भाजपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि तारीखों के संबंध में पार्टी ने आयोग को बताया कि नियमों के अनुसार, अधिसूचना जारी होने के कम से कम 28 दिन बाद चुनाव कराए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि आने वाले कुछ दिनों में अधिसूचना जारी होती है तो 3-4 नवंबर तक चुनाव संभव है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चुनावों में अब और देरी नहीं होनी चाहिए और जल्द से जल्द मतदान कराया जाना चाहिए। जद(यू) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा ने निर्वाचन आयोग से एक चरण में ही बिहार विधानसभा चुनाव करवाने की मांग की। अपने तर्क में उन्होंने कहा कि यदि महाराष्ट्र में एक चरण में चुनाव हो सकता है तो बिहार में क्यों नहीं। 
राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी दो चरणों में चुनाव करवाने की मांग निर्वाचन आयोग से की है। पार्टी के सांसद अभय कुशवाहा ने संवेदनशील बूथों की सूची राजनीतिक दलों को भी उपलब्ध करवाने और फॉर्म 17 की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की। 

भाकपा(माले) ने बिहार में मतदाता सूची और चुनावी प्रक्रिया में ‘गंभीर गड़बड़ी’ का आरोप लगाते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखा है और उसमें सुधार की मांग की है। भाकपा(माले) ने मतदाता सूची से बाहर किए गए सभी नामों को आधार से जोड़कर पुनः बहाल करने की भी मांग की।

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