अखिलेश-आजम मुलाकात पर बरसे योगी के मंत्री, बोले- वोट बैंक बचाने की सियासत

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। रामपुर में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की मुलाकात ने सियासी हलचल तेज कर दी है। जहां सपा इसे पुराने साथी से भावनात्मक मुलाकात बता रही है, वहीं योगी सरकार के मंत्रियों ने इसे वोटबैंक बचाने की सियासत और राजनीतिक स्टंट करार दिया है।

‘घड़ियालू आंसू’ बहाने पहुंचे : राठौर

सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने कहा कि अखिलेश यादव को 23 महीने तक जेल में बंद आजम खान की याद नहीं आई। उन्होंने कहा कि आजम ने खुद कहा था कि जेल में उनके परिवार की किसी ने सुध नहीं ली। राठौर बोले कि अखिलेश ने रामपुर में आजम का विकल्प खड़ा कर उनकी राजनीति कमजोर करने की कोशिश की थी। अब जब वोटबैंक खिसकता दिखा, तो वे ‘घड़ियाली आंसू’ बहाने पहुंचे हैं। यह महज स्टंटबाजी है।

अखिलेश ने आजम के भरोसे को खुद तोड़ा : दयाशंकर

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने भी अखिलेश पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर अखिलेश को आजम से लगाव होता तो वे जमानत के बाद तुरंत मिलने जाते। अब जब सपा के पारंपरिक वोटबैंक में दरार दिख रही है तो उन्हें मजबूरी में रामपुर का रास्ता याद आया है। दयाशंकर ने कहा कि राजनीति में रिश्ते भरोसे पर टिकते हैं, लेकिन अखिलेश ने उस भरोसे को खुद तोड़ा है।

मुलाकात राजनीतिक ढोंग : दानिश आजाद

अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने अखिलेश की आजम से मुलाकात को राजनीतिक ढोंग बताया। उन्होंने कहा कि सपा और अखिलेश के दिल में मुसलमानों के लिए कोई जगह नहीं है। जब आजम खान जेल में थे, तब वे एक बार भी मिलने नहीं गए। अब चुनाव करीब हैं तो मुसलमानों को गुमराह करने के लिए यह दिखावा कर रहे हैं। अंसारी ने कहा कि सपा को मुसलमान तब याद आते हैं, जब वोट चाहिए होता है, लेकिन जब बात शिक्षा, रोजगार या विकास की आती है तो वे गायब हो जाते हैं।

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