लखनऊ : मूलगंध कुटी में दर्शन को रखे जाएंगे बुद्ध के अवशेष
राज्य ब्यूरो, लखनऊ, अमृत विचार : सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी, विहार की 94वीं वर्षगांठ के अवसर पर भगवान बुद्ध के अवशेषों के सार्वजनिक दर्शन के लिए अनावरण किया जाएगा। आगामी 3 से 5 नवंबर 2025 तक भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेषों को बौद्ध श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा जाएगा। सारनाथ वही पुण्य भूमि है, जहां भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश ’’धर्मचक्र प्रवर्तन’’ दिया था।
यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने शुक्रवार को दी। उन्होंने बताया कि अस्थि अवशेष दर्शन के लिए बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षुओं और आस्थावानों के पहुंचने का अनुमान है। श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया, नेपाल और कोलकाता, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश, लद्दाख और हिमालयी क्षेत्रों से बौद्ध भिक्षु-भिक्षुणियां सारनाथ पहुंच रहे हैं। यह आयोजन महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया, सारनाथ केंद्र और वियतनामी बौद्ध संघ के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि भगवान बुद्ध के अवशेषों को साल में दो बार बुद्ध पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा पर सार्वजनिक दर्शन के लिए रखा जाता है।
लगभग 2,600 वर्ष पूर्व भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण के उपरांत उनके अवशेषों को आठ भागों में विभाजित कर पूरे भारत में बने स्तूपों में रखा गया। कालांतर में सम्राट अशोक ने इन पवित्र अवशेषों को पुनः खोजकर विविध स्थलों पर पुनर्स्थापित कराया।
मूलगंध कुटी बिहार में बुद्ध के दो अस्थि अवशेष सुरक्षित हैं। इनमें से एक अवशेष गांधार (तक्षशिला) क्षेत्र के एक प्राचीन स्तूप से प्राप्त हुआ था। दूसरा अवशेष, दक्षिण भारत के नागार्जुनकोंडा से प्राप्त हुआ था, जो एक पात्र में सुरक्षित रखा गया। दर्शन के बाद अवशेषों को विधिवत बुद्ध प्रतिमा के नीचे स्थापित किया जाता है।
