UP : नये नियमों के साथ सैलानी आज से कर सकेंगे दुधवा नेशनल पार्क की सैर

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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पलिया कलां/लखीमपुर खीरी। दुधवा नेशनल पार्क स्वच्छंद विचरण करते दुर्लभ वन्य जीवों के साथ अपनी अनूठी जैव विवधता और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों के लिए सैलानियों को आकर्षित करता है। दुधवा नेशनल पार्क एक नवंबर यानी आज से पर्यटकों के लिख खुल रहा है। प्रदेश के वन राज्य मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना फीता काटकर उद्घाटन करेंगे। पार्क प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

डीटीआर के उपनिदेशक जगदीश आर ने बताया कि इस बार दुधवा का सत्र 15 दिन पहले शुरू हो रहा है। प्रदेश के वन मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना, क्षेत्रीय विधायक रोमी साहनी एवं वन विभाग के प्रदेश स्तरीय उच्च वन अधिकारियों के साथ शनिवार को प्रातः 8:30 बजे पूजन -अर्चन करने के बाद दुधवा के मुख्य प्रवेश द्वार का फीता काट नए पर्यटन सत्र का शुभारंभ करेंगे। दुधवा नेशनल पार्क में भ्रमण के लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा दी गई है। सभी गेस्ट हाउस और थारू हट्स की सफाई, रंगाई-पुताई पूरी कर ली गई है ताकि सैलानियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। इस बार पर्यटक पहली बार खुले जंगल में चार गैंडों को स्वच्छंद विचरण करते हुए देख सकेंगे। इसके लिए सभी जिप्सी चालकों और गाइडों को निर्देशित किया गया है। फील्ड डॉयरेक्टर डॉ. एच राजामोहन ने बताया कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटक अब यहां स्वच्छंद घूम रहे बाघ, तेंदुए, हाथी, गैंडे आदि दुर्लभ वन्य जंतुओं एवं जंगल की टहनियों से लेकर तालाबों तक में उछल- कूद कर रहे प्रवासी-अप्रवासी अगणित रंग-बिरंगे पक्षियों का दीदार कर सकेंगे। पार्क प्रशासन ने सैलानियों की सुविधा के लिए 47 जिप्सी और 90 प्रशिक्षित गाइडों की तैनाती की है।

किशनपुर में वास करता है बाघों का कुनबा
दुधवा टाइगर रिजर्व में करीब 153 बाघ वास करते हैं, लेकिन इन बाघों में आधे से अधिक बाघ किशनपुर रेंज में पाये जाते हैं। इसलिये दुधवा आने वाला पर्यटक बाघों के दीदार के लिये किशनपुर जरूर आना चाहता है।

यहां होता है सैलानियों व बाघों का आमना-सामना
किशनपुर क्षेत्र के सबसे अधिक बाघों की साइटिंग होती है। इसके अलावा गुलरी घाट, घघरौला व सोनारीपुर में टाइगर की जबरदस्त सैलानियों को दिखता है।

दुधवा की कुछ खास जानकारियां
- दुधवा पर्यटन परिसर में 14 थारू हट, वन निगम अंडर में दस हट हैं। वन निगम की हट का पिछले वर्ष किराया दो लोगों किराया 5600 जीएसटी सहित साथ में वेलकम टी, नाश्ता शामिल था।
- 20 बेड की एसी युक्त दो डोरमेट्री का किराया 20 हजार व 10 बेड की एसी युक्त डोरमेट्री 10 हजार रुपये। अगर बात प्रति व्यक्ति की करें तो उसे एक हजार प्लस टैक्स देय होगा।

थारू संस्कृति का अनोखा अनुभव
इस सत्र में आने वाले सैलानी पहली बार चंदन चौकी के थारू शिल्पग्राम में जाकर आदिवासी थारू समाज की संस्कृति से रूबरू हो सकेंगे। यहां पर्यटक थारू समाज के रहन-सहन, खानपान, परिधान, गीत-संगीत और त्योहारों को करीब से जान पाएंगे।

हाथी शावक भवानी और मसककली बनेगी आकर्षण का केंद्र
दक्षिण सोनारीपुर रेंज के सलूकापुर क्षेत्र में पल रहे 25 हाथियों में से एक वर्ष की भवानी और डेढ़ वर्ष की मसककली पर्यटकों का दिल जीतेंगी। सैलानी इन नन्हीं हथिनियों को फल, मिठाई और अन्य खाद्य सामग्री खिलाकर रोमांचित होंगे।

दुधवा में दिखाई देने वाले प्रमुख वन्यजंतु
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान की आठ वन रेंजों में दिखाई देने वाले प्रमुख वन्य जंतुओं में यहां स्वच्छंद विचरण कर रहे बाघ, तेंदुआ जंगली हाथी, गैंडा, भालू, जंगली सुअर, बारहसिंघा, सांभर, चीतल, पाढ़ा, काकड़, नीलगाय, मगरमच्छ, घड़ियाल, लंगूर, सेही खरगोश, लोमड़ी, सियार, वनबिलाव आदि सैकड़ों वन्य जीव -जंतु व अनगिनत आकर्षक प्रवासी-अप्रवासी पक्षी शामिल हैं।

सैलानी ऐसे पहुंचें दुधवा नेशनल पार्क
दुधवा पर्यटन परिसर पहुंचने के लिए सैलानी दिल्ली से बरेली -पीलीभीत- मैलानी- पलिया होते हुए दुधवा तक अपने वाहनों से आ सकते हैं अथवा बरेली तक या मैलानी तक ट्रेन से और उसके बाद बस या टैक्सी से दुधवा पहुंच सकते हैं। इसके अलावा दिल्ली से शाहजहांपुर- मैलानी-पलिया होते हुए भी दुधवा तक पहुंचा जा सकता है। इसी तरह लखनऊ से लखीमपुर-पलिया होते हुए दुधवा तक के लिए अपने वाहन अथवा बसों से आना सुविधाजनक होगा। इसके बाद दुधवा की जिप्सियां और दुधवा में पले हाथी उन्हें जंगल की सैर कराएंगे।

उद्घाटन समारोह में इनकी भी रहेगी मौजूदगी
दुधवा टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक जगदीश आर. ने बताया कि इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रदेश के वन मंत्री व क्षेत्रीय विधायक के अलावा प्रदेश के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन के प्रमुख सचिव अनिल कुमार, प्रधान वन संरक्षक व विभागाध्यक्ष सुनील चौधरी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव उत्तर प्रदेश अनुराधा बैमुरी, निदेशक डीटीआर डॉ .एच. राजा मोहन आदि शामिल होंगे।

 

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