टेस्टिंग इंजीनियर : मोबाइल टेक्नोलॉजी में उभरता करियर

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Published By Anjali Singh
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आज के डिजिटल युग में मोबाइल फोन, स्मार्ट गैजेट्स और नई-नई टेक्नोलॉजी हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुकी है। हर साल बाजार में सैकड़ों नए मोबाइल मॉडल और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ लॉन्च होते हैं, जिनसे उपभोक्ताओं की अपेक्षाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में किसी भी प्रोडक्ट की गुणवत्ता, परफॉर्मेंस और सुरक्षा सुनिश्चित करना कंपनियों के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता बन गया है। यहीं से टेस्टिंग इंजीनियर की भूमिका शुरू होती है। टेक्नोलॉजी के तेजी से बदलते दौर में कंपनियां किसी भी तरह की तकनीकी खामी या यूजर शिकायत से बचना चाहती हैं। इसी कारण मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग और टेक इंडस्ट्री में टेस्टिंग इंजीनियर की मांग लगातार बढ़ रही है। अगर आपको तकनीक में दिलचस्पी है, चीजों को परखने की आदत है और आप क्वालिटी पर फोकस करते हैं, तो टेस्टिंग इंजीनियर का करियर आपके लिए भविष्य की कई संभावनाओं के दरवाज़े खोल सकता है।- ज्ञानेंद्र कुमार दीक्षित, असिस्टेंट प्रोफेसर, बीबीडी यूनिवर्सिटी, लखनऊ

टेस्टिंग इंजीनियर का कार्य

टेस्टिंग इंजीनियर का मुख्य काम मोबाइल फोन या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को हर स्तर पर जांचना होता है, ताकि वह बाजार में जाने से पहले पूरी तरह सही और उपयोग के लिए सुरक्षित हो। इसमें सबसे पहले फोन के हार्डवेयर की टेस्टिंग की जाती है, जैसे स्क्रीन की क्वालिटी और टच रिस्पॉन्स, कैमरे की फोटो और वीडियो क्षमता, बैटरी की परफॉर्मेंस, नेटवर्क सिग्नल, स्पीकर और माइक्रोफोन की आवाज। इसके अलावा सॉफ्टवेयर टेस्टिंग में भी टेस्टिंग इंजीनियर की अहम जिम्मेदारी होती है। वह यह जांचता है कि ऑपरेटिंग सिस्टम स्मूद तरीके से काम कर रहा है या नहीं, ऐप्स सही तरह से ओपन हो रहे हैं या नहीं और फोन हैंग या क्रैश तो नहीं हो रहा। साथ ही यूजर इंटरफेस आसान और सुविधाजनक है या नहीं, इस पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। यूजर को भविष्य में किसी तरह की परेशानी न हो, यही इस प्रोफेशन का सबसे बड़ा उद्देश्य होता है। किसी भी मोबाइल के लॉन्च से पहले अंतिम मंजूरी इसी टेस्टिंग टीम से मिलती है, इसलिए टेस्टिंग इंजीनियर की भूमिका बेहद जिम्मेदार और महत्वपूर्ण मानी जाती है।

 

 

टेस्टिंग इंजीनियर के लिए योग्यता

टेस्टिंग इंजीनियर बनने के लिए बहुत बड़ी या महंगी डिग्री होना जरूरी नहीं है। अगर आपके पास तकनीक की बुनियादी समझ और सीखने की इच्छा है, तो इस फील्ड में करियर बनाया जा सकता है। आमतौर पर Electronics, IT, Electrical, ECE या Mechanical से B.Tech करने वाले उम्मीदवारों को इस प्रोफाइल में आसानी से अवसर मिल जाते हैं। इसके अलावा Diploma in Electronics, Mobile Technology या इससे जुड़े अन्य टेक्निकल डिप्लोमा कोर्स करने वाले भी टेस्टिंग इंजीनियर के रूप में कार्य कर सकते हैं। कई मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग और टेक कंपनियां फ्रेशर्स को खुद ट्रेनिंग देती हैं, जिसमें उन्हें मोबाइल हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की टेस्टिंग सिखाई जाती है। इस प्रोफाइल के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार को बेसिक टेक्निकल नॉलेज हो, जैसे मोबाइल के फीचर्स की समझ, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में अंतर तथा छोटी-छोटी तकनीकी समस्याओं को पहचानने की क्षमता। अगर आपके पास ये स्किल्स हैं और आप नई टेक्नोलॉजी सीखने के लिए तैयार रहते हैं, तो टेस्टिंग इंजीनियर के रूप में नौकरी पाना ज्यादा मुश्किल नहीं होता।

करियर स्कोप

मोबाइल कंपनियों के साथ-साथ टैबलेट, स्मार्टवॉच, IoT डिवाइसेज़ और ऑटोमोबाइल टेक्नोलॉजी में भी टेस्टिंग इंजीनियर्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। अनुभव के साथ सीनियर टेस्टिंग इंजीनियर, क्वालिटी एनालिस्ट या टेस्ट मैनेजर जैसे पदों तक पहुंचा जा सकता है। अगर आप टेक्नोलॉजी के साथ काम करना पसंद करते हैं और परफेक्शन की तलाश आपकी आदत है, तो टेस्टिंग इंजीनियर की नौकरी आपके लिए एक स्मार्ट और सुरक्षित करियर विकल्प हो सकती है।

सैलरी और करियर ग्रोथ

टेस्टिंग इंजीनियर की नौकरी सैलरी के मामले में भी काफी बेहतर मानी जाती है। इस क्षेत्र में करियर की शुरुआत करने वाले फ्रेशर्स को आमतौर पर 18,000 से 28,000 रुपये प्रति माह तक वेतन मिल जाता है। जैसे-जैसे काम का अनुभव और तकनीकी समझ बढ़ती है, आमदनी में भी तेजी से इजाफा होता है। करीब 2-3 साल के अनुभव के बाद सैलरी बढ़कर 35,000 से 60,000 रुपये प्रति माह तक पहुंच सकती है।

देश की बड़ी मोबाइल कंपनियों और उनके सप्लायर जैसे Samsung, Xiaomi, Vivo, Oppo और Apple में काम करने वाले टेस्टिंग इंजीनियर्स को अपेक्षाकृत ज्यादा पैकेज मिलता है। वहीं मल्टीनेशनल और इंटरनेशनल कंपनियों में अवसर मिलने पर कमाई और करियर ग्रोथ दोनों ही काफी तेजी से आगे बढ़ते हैं। करियर के लिहाज से भी यह प्रोफाइल कई संभावनाएं खोलता है। अनुभव बढ़ने के साथ टेस्टिंग इंजीनियर सीनियर टेस्टिंग इंजीनियर, क्वालिटी एश्योरेंस इंजीनियर, आर एंड डी इंजीनियर, प्रोडक्ट वैलिडेशन इंजीनियर या टेस्टिंग टीम लीडर जैसे महत्वपूर्ण पदों तक पहुंच सकता है। हर नए स्तर पर जिम्मेदारियां बढ़ती हैं और उसके साथ सैलरी व प्रोफेशनल ग्रोथ भी लगातार मजबूत होती जाती है।

 

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