यूपी विधानसभा सत्र में उठा SIR और BLO की मौतों का मामला, विपक्ष ने किया हंगामा, मुआवजा और नौकरी की मांग  

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ । उत्तर प्रदेश में चुनाव संबंधी कार्यों के दौरान बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) पर अत्यधिक और असंगत कार्यभार डाले जाने का मामला मंगलवार को विधानसभा में उठाया गया है। कांग्रेस की नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि एसआईआर के दौरान मृतक सभी बीएलओ के परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए। 

विधानसभा में कांग्रेस की नेता आराधना मिश्रा ने नियम-56 के अंतर्गत सदन में यह मामला उठाया और एसआईआर पर चर्चा कराने की मांग की। मोना ने कहा कि पर्याप्त संसाधनों के अभाव, अवकाश न मिलने और लगातार फील्ड ड्यूटी के कारण बीएलओ शारीरिक और मानसिक रूप से अत्यधिक दबाव में काम करने को विवश हैं। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई जिलों मुरादाबाद, बिजनौर, लखनऊ, हाथरस, गोंडा और देवरिया सहित अन्य स्थानों पर ड्यूटी के दौरान या अत्यधिक थकान व तनाव के चलते कर्मचारियों की मौत, हृदयाघात तथा गंभीर शारीरिक क्षति की घटनाएं सामने आई हैं। इन घटनाओं से संबंधित कर्मचारियों के परिजनों में गहरा आक्रोश है, वहीं आम नागरिकों में भी व्यापक रोष और असंतोष व्याप्त है। 

सदन में कांग्रेस की नेता मोना ने कहा कि लगातार चुनावी कार्यों का दबाव बीएलओ के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने इस मुद्दे को लोकमहत्व का बताते हुए सदन का तत्काल ध्यान आकृष्ट कराने की मांग की है। 

उन्होंने कहा कि इस अत्यंत गंभीर और संवेदनशील विषय पर सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा कराई जाए, ताकि बीएलओ पर पड़ रहे अत्यधिक कार्यभार को कम करने और उनके स्वास्थ्य व सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें। आराधना मिश्रा ने कहा कि चुनाव आयोग और सरकार ने बीएलओ की मौतों का संज्ञान नहीं लिया जो ग़लत है। काम के दबाव में 10 बीएलओ की मौत हुई है।

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