बरेली: रुविवि में शुरू होगी पार्ट टाइम पीएचडी, पढ़ें पूरी खबर

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अमृत विचार, बरेली। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय जल्द ही पार्ट टाइम पीएचडी शुरू करने जा रहा है। इसके लिए ऑनलाइन कोर्स वर्क पर भी विचार किया जा रहा है। पीएचडी जमा करने के तीन महीने के अंदर ही छात्र का वायवा भी करा लिया जाएगा। यह जानकारी शनिवार को विश्वविद्यालय में शोध और परीक्षा व्यवस्था में …

अमृत विचार, बरेली। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय जल्द ही पार्ट टाइम पीएचडी शुरू करने जा रहा है। इसके लिए ऑनलाइन कोर्स वर्क पर भी विचार किया जा रहा है। पीएचडी जमा करने के तीन महीने के अंदर ही छात्र का वायवा भी करा लिया जाएगा। यह जानकारी शनिवार को विश्वविद्यालय में शोध और परीक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर हुई बैठक में शोध निदेशक प्रो. सुधीर कुमार ने दी।

शनिवार को मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर और संभल जिलों के महाविद्यालयों के प्राचार्य बैठक में शामिल हुए। कार्यक्रम में डा. आलोक श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय में स्थापित किए गए 10 डायरेक्टोरेट के विषय में बताया। शोध निदेशक ने बताया कि सन् 2012 से आज तक के लंबित शोध प्रबंधों को अति शीघ्र निपटाने के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है।

विश्वविद्यालय ने शोध के कार्यों से संबंधित सभी जानकारियों को छात्रों तक पहुंचाने के लिए फोन नंबर वेबसाइट पर जारी किया है। छात्र घर बैठे ही अपने सवाल फोन से पूछ सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यूजीसी अथवा अन्य संस्थाओं से फैलोशिप प्राप्त करने वाले शोधकर्ताओं का भुगतान सुनिश्चित करने हेतु विश्वविद्यालय समुचित कदम उठाएगा।

डा. बृजेश कुमार ने शोध के लिए तैयार साफ्टवेयर के इस्तेमाल के बारे में बताया। प्रो. एसके पांडेय ने बताया कि रुहेलखंड विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश का प्रथम विश्वविद्यालय है जिसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को कारगर ढंग से अपने संस्थान में लागू किया है। उन्होंने कहा कि काउंसिलिंग की प्रक्रिया ऑनलाइन कराने से काफी समय बचता है। उन्होंने चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को भी अत्यधिक लाभकारी बताया। कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडेय तथा परीक्षा नियंत्रक संजीव कुमार सिंह ने महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय के बीच बेहतर सामंजस्य बढ़ाने पर बल दिया।

कुलपति प्रो. केपी सिंह ने कहा कि यदि सभी लोग पूर्ण क्षमता के अनुसार कार्य करना शुरू कर दें तो कोई भी संस्थान ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकता है। उन्होंने सभी स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों को अपने कॉलेजों में शोध निदेशालय स्थापित करने के लिए निर्देश दिए। इस दौरान विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. अमित सिंह, सहायक कुलसचिव आनंद कुमार मौर्य, सहायक कुल सचिव सुनीता यादव, प्रशासनिक अधिकारी अनिल कुमार सिंह, प्रोग्रामर रविंद्र गौतम, प्रशासनिक अधिकारी ज़हीर अहमद, तपन वर्मा, देवेन्द्र सिंह आदि हे।

ऑनलाइन दिए जाएंगे माइग्रेशन सर्टिफिकेट
परीक्षा नियंत्रक संजीव कुमार सिंह ने बताया कि शीघ्र ही विश्वविद्यालय माइग्रेशन सर्टिफिकेट तथा प्रोविजनल डिग्री ऑनलाइन देने के कार्य को मूर्त रूप देने जा रहा है। इससे पूरे रुहेलखंड क्षेत्र में छात्रों को लाभ होगा। न सिर्फ उनकी यात्रा का समय बचेगा, खर्च बचेगा बल्कि शारीरिक परेशानियां एवं मानसिक परेशानियां भी बचेंगी। उन्होंने सभी प्रधानाचार्यों से निवेदन किया है कि छात्रों के प्रैक्टिकल के नंबर हमेशा समय पर ही उपलब्ध करवाएं ताकि छात्र एवं कॉलेज ही नहीं विश्वविद्यालय भी परेशानियों से बचें।

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