बरेली: संक्रमण काल की अंत्येष्टि में खो गए धार्मिक रीति-रिवाज, 500 लोगों का हुआ रात में अंतिम संस्कार

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

रजनेश सक्सेना, बरेली। कोरोना आपदा के दौरान शवों की अंत्येष्टि में लोग धार्मिक रीति-रिवाज भी भूल गए हैं। परिवार के एक शख्स की कोरोना से मौत होने के बाद परिजन इतने दहशत में आ जाते हैं कि मिट्टी समेटने के लिए (अंतिम संस्कार) रात काल भी नहीं देख रहे। जबकि हिंदू धर्म में कहा जाता …

रजनेश सक्सेना, बरेली। कोरोना आपदा के दौरान शवों की अंत्येष्टि में लोग धार्मिक रीति-रिवाज भी भूल गए हैं। परिवार के एक शख्स की कोरोना से मौत होने के बाद परिजन इतने दहशत में आ जाते हैं कि मिट्टी समेटने के लिए (अंतिम संस्कार) रात काल भी नहीं देख रहे। जबकि हिंदू धर्म में कहा जाता है कि सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार नहीं करना चाहिए मगर कोरोना ने इंसान को इतना मजबूर करने के साथ दहशत में ला दिया है कि बगैर कर्मकांड के ही लोग रात में अपनों की अंत्येष्टि करने को मजबूर हैं।

कोरोना काल में बीते एक महीने में करीब 500 लोगों का अंतिम संस्कार रात में किया गया। श्मशान स्थलों के ट्रस्ट के पदाधिकारियों की मानें तो कोरोना का कहर शुरू होने के बाद से प्रतिदिन सूर्यास्त के बाद 10 से 12 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इसमें कुछ लोगों की मौत संक्रमण से तो कुछ की मौत साधारण या अन्य बीमारियों से होती है। अस्पतालों में मौत होने के बाद लोग संक्रमित व्यक्ति का शव घर तक ले जाना पसंद नहीं कर रहे हैं। उनके सामने कई तरह की परिस्थितियां जुड़ी हुई हैं।

शुक्रवार को भी सूर्यास्त के बाद हुई 12 लोगों की अंतेष्टि
शुक्रवार को संजय नगर शमशान भूमि में सूर्यास्त के बाद रात करीब 9 बजे तक 10 लोगों की अंतेष्टि की गई तो वहीं सिटी श्मशान भूमि में भी सूर्यास्त के बाद करीब दो से तीन लोगों की अंतेष्टि हुई है। ऐसा कोई एक दिन नहीं हुआ। बल्कि हर दिन इसी तरह से लोगों की अंतेष्टि रात में कराई जा रही है। कई बार रात में अंतेष्टि को लेकर श्मशान घाटों पर बबाल भी हो चुके है।

हिंदू रीति रिवाज में अंत्येष्टि नहीं करनी चाहिए क्योंकि गरुण पुराण के अनुसार सूर्यास्त के बाद अंत्येष्टि करने से मृतक की आत्मा को कष्ट होता है। इसलिए अंत्येष्टि को दिन में ही करना चाहिए, मगर लोगों को मजबूरी में रात में अंत्येष्टि कर रहे हैं। –पंडित त्रिलोक शर्मा, सिटी श्मशान भूमि

संबंधित समाचार