बरेली: वसूली का मर्ज बढ़ा रहा गरीबों का दर्द

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बरेली, अमृत विचार। जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में गरीबों से इलाज के नाम पर वसूली का मर्ज उनका दर्द बढ़ा रहा है। इलाज में लापरवाही के कारण अब तक वार्ड में 452 नवजातों की जान जा चुकी है। बताते हैं कि बेहतर इलाज की बात कहकर नर्स के इशारे पर वार्ड का गार्ड …

बरेली, अमृत विचार। जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में गरीबों से इलाज के नाम पर वसूली का मर्ज उनका दर्द बढ़ा रहा है। इलाज में लापरवाही के कारण अब तक वार्ड में 452 नवजातों की जान जा चुकी है। बताते हैं कि बेहतर इलाज की बात कहकर नर्स के इशारे पर वार्ड का गार्ड परिजनों से रुपयों की मांग करता है। दबी जुबान में एक महिला स्टाफ व कुछ अफसरों ने इस बात को स्वीकार किया लेकिन स्टाफ कम होने की बात कहकर कार्रवाई से बचते रहे।

एसएनसीयू में जिलेभर के गंभीर नवजात बच्चे भर्ती होते हैं। पिछले कुछ माह से यहां भर्ती होने वाले बच्चों के परिजनों को पहले बच्चे की गंभीर स्थिति को लेकर डराया जाता है। फिर बेहतर इलाज की दुहाई देकर पैसों की वसूली की जाती है। यह राशि हजारों में होती है लेकिन परिजन जैसे पट जाए उस पर ही राजी हो जाते हैं।

ऐसे बनाते हैं वसूली की योजना
आरोप है कि ये लोग वार्ड में भर्ती होने वाले बच्चे के परिजनों की आर्थिक स्थिति का पता लगाने के बाद उनसे पैसों की वसूली की योजना तैयार करते हैं। गार्ड बच्चों के परिजनों से बात करता है। इसके बाद स्टाफ नर्स के माध्यम से डॉक्टर तक पैसा पहुंचता है। बच्चों को अच्छा इलाज मिल जाए इस उम्मीद में परिजन शिकायत के लिए भी सामने नहीं आते। परिजनों को डर है कि शिकायत की तो उनके बच्चों का इलाज ठीक नहीं होगा। पिछले सप्ताह ही एसएनसीयू में दो जुड़वा बच्चों की मौत हुई थी, बात फैलने पर उचित उपचार के डर से परिजन इलाज के लिए पैसा चुका देते हैं।

रेफर के नाम भी पर करते हैं वसूली
जिला महिला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की सुस्ती का आलम यह है कि एसएनसीयू में रेफर करने के नाम पर भी वसूली की जाती है। नवजात बच्चों को रेफर करने के पीछे भी बाकायदा परिजनों को पूरी कहानी बताई जाती है। परिजनों को बताया जाता है कि यहां एक वार्मर में दो बच्चे रखे हैं जिससे संक्रमण पैदा हो सकता है। हमारी डॉक्टरों से अच्छी पहचान है। वहां बेहतर इलाज की व्यवस्था हो जाएगी।

डाक्टर की चाय पर एक हजार रुपये जुर्माना
पिछले सप्ताह एसएनसीयू में भर्ती एक नवजात के परिजनों से स्टाफ नर्स ने चाय के नाम पर पैसे मांगे। कहा कि डॉक्टर राउंड पर अभी-अभी आए हैं। युवक अस्पताल परिसर में चाय लेने गया तो दुकान बंद मिली। इस पर स्टाफ नर्स के कहने पर वह 20 रुपये की चाय लेने अय्यूब खां चौराहे पहुंचा। इस दौरान बिना हेलमेट पर उसका एक हजार रुपये का चालान कर दिया गया। यह मामला इन दिनों भी महिला अस्पताल में चर्चा का विषय बना है।

सीसीटीवी नाम के, चप्पल-जूते भी खूब चोरी हो रहे
कहने को एसएनसीयू वार्ड के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं मगर यह सिर्फ शो-पीस बनकर रह गया है। यहां तीमारदारों के अलावा स्टाफ की चप्पल व जूते कई बार चोरी हो चुके हैं। पिछले सप्ताह ही यूनिवर्सिटी के पास रहने वाली एक युवती एसएनसीयू में भर्ती एक बच्चे को देखने पहुंची थी। इस दौरान उसकी चप्पल चोरी हो गई। इसके अलावा स्टाफ कर्मी के जूते चोरी होने की बात भी सामने आई है।

महिला जिला अस्पताल की सीएमएस डा. अलका शर्मा ने कहा कि एसएनसीयू वार्ड में हो रही वसूली को लेकर अभी तक किसी ने लिखित शिकायत नहीं की। शिकायत मिलने पर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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