बरेली: पढ़ाई की तरह ऑनलाइन परीक्षाओं के भी नहीं इंतजाम

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बरेली, अमृत विचार। कोरोना की वजह से पढ़ाई और परीक्षा का तरीका बदल गया है। करीब दो साल से एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय व संबद्ध महाविद्यालयों में भौतिक (ऑफलाइन) कक्षाएं नाम मात्र की ही संचालित हुई हैं। ऑफलाइन कक्षाएं संचालित न होने से शासन ने ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए। परीक्षाओं के तरीके में …

बरेली, अमृत विचार। कोरोना की वजह से पढ़ाई और परीक्षा का तरीका बदल गया है। करीब दो साल से एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय व संबद्ध महाविद्यालयों में भौतिक (ऑफलाइन) कक्षाएं नाम मात्र की ही संचालित हुई हैं। ऑफलाइन कक्षाएं संचालित न होने से शासन ने ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए।

परीक्षाओं के तरीके में भी बदलाव किया और प्रयोगात्मक परीक्षाएं भी ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यम से कराने के निर्देश दिए लेकिन सवाल खड़े हो रहे हैं कि महाविद्यालय सिर्फ ऑफलाइन ही प्रयोगात्मक परीक्षाएं कराने की बात कह रहे हैं। परीक्षाओं की तरह ही ऑनलाइन कक्षाओं के नाम पर भी सिर्फ खानापूर्ति की गई है। यही वजह है कि अब विश्वविद्यालय प्रशासन महाविद्यालयों से ऑनलाइन कक्षाओं के साथ छात्रों का रिकार्ड भी मांग सकता है। इससे पता चल जाएगा कि किस महाविद्यालय के कितने छात्र ऑनलाइन जुड़े हुए हैं।

विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षाएं 15 जुलाई से प्रारंभ हो चुकी हैं। स्नातक और परास्नातक की प्रयोगात्मक परीक्षाओं को लेकर विश्वविद्यालय के द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। परीक्षाएं असाइनमेंट के माध्यम से आयोजित करायी जाएंगी। छात्रों की अधिक संख्या को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्नातक की प्रयोगात्मक व मौखिकी परीक्षाओं को ओपन बुक माध्यम से होम असाइनमेंट देकर कराने का निर्णय लिया है।

होम असाइनमेंट देने के लिए महाविद्यालयों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से सुविधा भी दी है लेकिन महाविद्यालयों के शिक्षक विरोध कर रहे हैं कि अधिक संख्या में महाविद्यालय में छात्रों के आने से परेशानी हो सकती है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि महाविद्यालयों के पास छात्रों को ऑनलाइन असाइनमेंट भेजने के इंतजाम नहीं हैं। क्या शिक्षकों के पास अपने छात्रों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। यदि ऐसा है तो फिर शिक्षक अब तक छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं कैसे संचालित कर रहे थे। क्या छात्रों को व्हाट्सएप या अन्य माध्यम से नहीं जोड़ा गया था।

यही नहीं महाविद्यालय की वेबसाइट पर भी छात्रों को जोड़ने की सुविधा नहीं है। कुलपति प्रो. केपी सिंह का भी कहना है कि महाविद्यालयों को अधिक से अधिक छात्रों को असाइनमेंट वेबसाइट या व्हाट्सएप के जरिए ऑनलाइन उपलब्ध कराने हैं। यदि दूरदराज या ग्रामीण क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क या अन्य किसी समस्या की वजह से छात्र के पास ऑनलाइन सुविधा नहीं है तो उसे ऑफलाइन माध्यम से असाइनमेंट दिया जा सकता है। ऑनलाइन माध्यम से असाइनमेंट देने से भीड़ नहीं इकट्ठा होगी।

ये भी जानें

  • 563 संबद्ध महाविद्यालय
  • 556543 कुल छात्र
  • 463816 स्नातक
  • 87216 परास्नातक
  • 419 महाविद्यालयों के छात्रों की परीक्षा
  • 2.83 लाख छात्र दे रहे मुख्य परीक्षा
  • 1.75 लाख लगभग छात्र देंगे प्रयोगात्मक परीक्षा

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