अफ़साना
<% catList.forEach(function(cat){ %> <%= cat.label %> <% }); %>
<%- node_title %>
Published On
By <%= createdBy.user_fullname %>
<%- node_title %>
Published On
By <%= createdBy.user_fullname %>
<% if(node_description!==false) { %> <%= node_description %>
<% } %> <% catList.forEach(function(cat){ %> <%= cat.label %> <% }); %>
हल्द्वानी: अफसाना के मोबाइल से मिली पुलिस को लीड... और पकड़ा गया हत्यारा सौरभ
Published On
By Bhupesh Kanaujia
हल्द्वानी, अमृत विचार। बीती 8 अप्रैल को अपनी पत्नी अफसाना की हत्या का आरोपी सौरभ आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। मूलरूप से रुद्रपुर सुभाष कालोनी का रहने वाला सौरभ करीब तीन माह पहले ही हल्द्वानी के शिवाजी कालोनी...
हल्द्वानी: 22 दिन से फरार है अफसाना का हत्यारा, लोकेशन मिली न बच्चे
Published On
By Bhupesh Kanaujia
हल्द्वानी, अमृत विचार। सौरभ पेशेवर अपराधी नहीं है, लेकिन उस पर अपनी ही पत्नी की गला घोंट कर हत्या करने का आरोप है। पत्नी की हत्या के बाद वह अपनी दोनों नाबालिग बेटियों को लेकर फरार है। इस बात को...
हल्द्वानी: अफसाना के हत्यारोपी की दिल्ली के बाद अब तेलंगाना में तलाश
Published On
By Bhupesh Kanaujia
हल्द्वानी, अमृत विचार। अफसाना हत्याकांड में पुलिस की जांच का दायरा बढ़ गया है। दिल्ली और मुरादाबाद के बाद अब अफसाना के हत्यारोपी उसके पति सौरभ राज की तलाश अब तेलंगाना में भी शुरू कर दी गई है। बता दें...
हल्द्वानी: अफसाना के पिता ने दर्ज कराया दामाद पर मुकदमा
Published On
By Bhupesh Kanaujia
हल्द्वानी, अमृत विचार। बेटी अफसाना की लाश लेने से इंकार करने वाले पिता शरीफ अहमद ने ही अपने दामाद सौरभ राज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। सौरभ की तलाश में एसओजी समेत चार टीमें लगी हैं, लेकिन अभी तक...
हल्द्वानी: अफसाना के हत्यारे के साथ चश्मदीद, खतरे में अलीशा और इबरा की जान
Published On
By Bhupesh Kanaujia
हल्द्वानी, अमृत विचार। अपनी पत्नी आस्था उर्फ अफसाना की हत्या करने वाला सौरभ अपनी नाबालिग बेटियों को भी मौत के घाट उतार सकता है। दोनों बेटियां ही अफसाना की मौत की इकलौती चश्मदीद हैं। घटना के बाद से फरार सौरभ...
बचपन…
Published On
By Amrit Vichar
बचपन का भी एक ज़माना था, जिसमें न ही कोई अफ़साना था। पूरे गांव में अपना ठिकाना था, सबका लाडला जो कहलाना था। दिनभर स्कूल में थक कर चूर हो जाना था, लेकिन शाम होने पर खेलने भी जरूर जाना था। चारों ओर खुशियों का ही खज़ाना था, दिमाग बचकाना और दिल कैडींस का दीवाना …
