सभी आईआईटी में खुलेंगे तकनीक आधारित मेडिकल कॉलेज
ज्ञानेंद्र सिंह, नई दिल्ली, अमृत विचार। राष्ट्रीय महत्व के तकनीकी शिक्षा संस्थानों में अब तकनीक आधारित चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई भी होगी। देश के 23 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में मेडिकल कॉलेज खुलेंगे। इसी तरह दिल्ली सरकार के दो तकनीकी संस्थानों में भी मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव है। तकनीक आधारित चिकित्सा विज्ञान की शुरुआत …
ज्ञानेंद्र सिंह, नई दिल्ली, अमृत विचार। राष्ट्रीय महत्व के तकनीकी शिक्षा संस्थानों में अब तकनीक आधारित चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई भी होगी। देश के 23 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में मेडिकल कॉलेज खुलेंगे। इसी तरह दिल्ली सरकार के दो तकनीकी संस्थानों में भी मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव है।
तकनीक आधारित चिकित्सा विज्ञान की शुरुआत आईआईटी खड़कपुर से हुई थी और वहां पर 50 सीटों वाला सबसे पहला मेडिकल कॉलेज खोला गया था। अब आईआईटी कानपुर में 50 बिस्तर का अस्पताल एवं एमबीबीएस की 100 सीटों का मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए काम शुरू हो गया है। अभी तक मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआई) से तकनीक आधारित चिकित्सा विज्ञान को हरी झंडी नहीं मिली थी।
अब कई आईआईटी परिसरों में मेडिकल कॉलेज खोलने की दिशा में काम शुरू हो गया है और दिल्ली के नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतर्गत सौ-सौ सीट वाले दो मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव भेजा गया है। नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतर्गत बनने वाले मेडिकल कॉलेज को द्वारका स्थित इंदिरा गांधी अस्पताल से संबद्ध किया जाएगा और दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतर्गत खुलने वाले मेडिकल कॉलेज को पीतमपुरा स्थित भगवान महावीर अस्पताल से संबद्ध किया जाएगा।
इससे पहले केंद्र सरकार ने भी देश में 75 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का ऐलान किया था। यदि तकनीकी संस्थानों में मेडिकल कॉलेज खुल गए तुलना केवल चिकित्सा सेवा का विस्तार होगा बल्कि प्रतिवर्ष लगभग एक लाख एमबीबीएस डॉक्टर तैयार होंगे। अभी यहक्षमता करीब 80 हजार है।
आयुष के 52, 720 व बीडीएस के करीब 26 हजार डॉक्टर प्रतिवर्ष निकलते हैं। दिल्ली के तकनीकी विश्वविद्यालय में बनने वाले मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के अलावा बीडीएस, नर्सिंग, फार्मेसी व पैथोलॉजी के भी बैच निकलेंगे। इसी तरह आईआईटी में भी यदि सभी मेडिकल कॉलेज बन जाएंगे तो अनुमान है कि 5हजार तक एमबीबीएस छात्रों की पढ़ाई हो सकेगी। क्योंकि वर्तमान में देश के सभी आईआईटी में 11, 279 इंजीनियरिंग छात्रों की पढ़ाई होती है।
आईआईटी से पहले मेडिकल कॉलेजों को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भी खोलने का प्रस्ताव पारित हुआ था जिसके तहत बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एवं दिल्ली विश्वविद्यालय में 5 मेडिकल कॉलेज खोले गए थे जिनकी क्षमता करीब 7सौ है।
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