पिथौरागढ़: धारचूला और सिरबगड़ में बादल फटने से तबाही, पांच की मौत

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

पिथौरागढ़, अमृत विचार। जनपद पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्र धारचूला और नेपाल सीमा पर सिरबगड़ में रविवार आधी रात के बाद बादल फटने से तबाही मच गई। यह आपदा जुम्मा गांव के साथ ही तोक जामुनी, तोक सिरौउड्यार में आई। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और एसएसबी द्वारा चलाए गए रेस्क्यू अभियान में तीन बालिकाओं व दो महिलाओं सहित …

पिथौरागढ़, अमृत विचार। जनपद पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्र धारचूला और नेपाल सीमा पर सिरबगड़ में रविवार आधी रात के बाद बादल फटने से तबाही मच गई। यह आपदा जुम्मा गांव के साथ ही तोक जामुनी, तोक सिरौउड्यार में आई।

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और एसएसबी द्वारा चलाए गए रेस्क्यू अभियान में तीन बालिकाओं व दो महिलाओं सहित पांच शव बरामद हो चुके थे, जबकि दो लोगों की खोजबीन जारी थी। आपदा में कई लोग घायल हो गए। काफी संख्या में मकान जमींदोज हो गए तो कई बह गए।

प्रशासन के अनुसार गांव जुम्मा में बादल फटने से जामुनी तोक में पांच तथा सिरौउड्यार तोक में दो मकान क्षतिग्रस्त होने के साथ ही सात व्यक्ति लापता होने की सूचना थी। बताया गया कि जुम्मा और सिरबगड़ में एक साथ बादल फटे।

जुम्मा गांव में सर्वाधिक तबाही मची। इस गांव में कई मकान तेज बारिश के कारण उफनाए नदी नालों की चपेट में आकर बह गए। सोमवार की तड़के बारिश थमी तो चारों ओर तबाही का मंजर नजर आया। प्रशासन के अनुसार राजस्व पुलिस, एसएसबी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमों ने स्थानीय लोगों के साथ रेस्क्यू अभियान चलाया।

जिसमें अपराह्न तक पांच लापता लोगों के शव बरामद कर लिए गए, जिनमें संजना (15), रेनू (11), शिवानी (9) पुत्रियां जोगा सिंह निवासी तोक जामुनी तथा सुनीता देवी पत्नी दीपक सिंह व पार्वती देवी पत्नी लाल सिंह की शिनाख्त हो गई। प्रभावित क्षेत्र में सड़क मार्ग अवरुद्ध होने के कारण जयमती देवी पत्नी शोबन सिंह व नर सिंह पुत्र लाल सिंह को हैलीकॉप्टर से सीएचसी धारचूला लाया गया। प्रभावित इलाकों में आवश्यक सामग्री सहित खाद्यान्न के पैकेट बांटे गए। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि लापता चंदर सिंह पुत्र विशन सिंह तथा हजारी देवी पत्नी चंदन सिंह की खोजबीन जारी है।

नदियों ने लिया रौद्र रूप, भूस्खलन
सीमांत में बादल फटने से काली नदी, कूलागाड़ और एलागाड़ ने रौद्र रूप ले लिया है। काली नदी उफनने से तपोवन में झील बन गई। मुनस्यारी के मालूपाती गांव में फिर भूस्खलन हुआ है। दो परिवार शिफ्ट किए गए। यहां आठ परिवार खतरे में हैं। बंगापानी तहसील के खरतोली गाव में भूस्खलन से छह परिवार खतरे में हैं। वहीं, एनएचपीसी कॉलोनी व तपोवन में जलभराव के साथ धारचूला में कई आवासीय परिसर खतरे में हैं।

बागेश्वर में भी आपदा
बागेश्वर जिले के चचई गांव में अतिवृष्टि से ग्रामीणों के खेत बह गए। गोलना में पिकअप पर मलबा गिर गया। गोशाला ध्वस्त होने से गाय और बछड़ा मलबे में दब गए। कई मकानों में दरारें आ गईं और सुरक्षा दीवारें क्षतिग्रस्त हो गईं।

17 मार्ग बंद, आवागमन ठप
बादल फटने से जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली 17 सड़कें बंद हो गईं। इनमें पांच सड़के बॉर्डर की तो 11 ग्रामीण मोटर मार्ग हैं। इससे 30 हजार से ज्यादा की आबादी सीधे प्रभावित हुई है। आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। जौलजीबी मुनस्यारी मार्ग और टनकपुर-तवाघाट मार्ग सहित सीमांत के सभी मार्ग बंद हैं।

 

संबंधित समाचार