लखनऊ: रोक है तो अवकाश के दिनों में क्यों काम लिया जा रहा सचिवालय कर्मियों से!

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लखनऊ। अवकाश के दिनों में सचिवालय कर्मियों से काम लिये जाने को लेकर उत्तर प्रदेश सचिवालय निजी सचिव संघ व उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ आमने-सामने आ गये हैं। निजी सचिव संघ का कहना है कि आकस्मिक काम करने के लिए कर्मचारियों को बुलाया जाता है, जबकि सचिवालय संघ का कहना है कि सामान्य तौर पर …

लखनऊ। अवकाश के दिनों में सचिवालय कर्मियों से काम लिये जाने को लेकर उत्तर प्रदेश सचिवालय निजी सचिव संघ व उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ आमने-सामने आ गये हैं। निजी सचिव संघ का कहना है कि आकस्मिक काम करने के लिए कर्मचारियों को बुलाया जाता है, जबकि सचिवालय संघ का कहना है कि सामान्य तौर पर भी कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है।

सचिवालय सेवा नियमावली के तहत सचिवालय में पांच दिन का कार्य दिवस है। शनिवार व रविवार अवकाश रहता है। सुबह साढ़े नौ बजे से शाम छह बजे तक सचिवालय कर्मियों के कार्य के घंटे निर्धारित हैं। अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे के निजी सचिव विशंभर दयाल के आत्महत्या का प्रयास करने के बाद निजी सचिव व अन्य कर्मचारियों के संगठन आमने-सामने आ गये हैं।

आकस्मिक काम है तो आना पड़ेगा कर्मचारियों को

‘कल की घटना में निजी सचिव का पूरा दोष है, क्योंकि निजी सचिव को कार्यालय बुलाया नहीं गया था। वह अपने घरेलू मामले से तनाव में आये और खुद को गोली मार ली। आकस्मिक कार्यों के लिए जब कर्मचारियों को बुलाया जाता है, तो उसके लिए बकायदा आदेश जारी होता है। सचिवालय में निजी सचिव स्तर पर तो काम का कोई बोझ नहीं है…कृष्ण स्वरूप शर्मा, अध्यक्ष, निजी सचिव संघ।

‘सामान्य दिनों में भी कर्मचारियों को काम पर बुलाया जाता है, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का साफ कहना है कि केवल आकस्मिक मामलों पर अवकाश के दिनों में कर्मचारियों को बुलाया जाए। हालांकि, रजनीश दुबे प्रकरण में उन्हें कार्य के लिए नहीं बुलाया गया था, पर अवकाश के दिन इस तरह की घटना सोचनीय है…यादवेंद्र मिश्रा, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ।

अपर मुख्य सचिव ने चुप्पी साधी

सचिवालय प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव हेमंत राव से बातचीत के लिए इस सिलसिले में कई बार उनके कार्यालय पर फोन किया गया, उनके निजी सचिव ने बातचीत करने का आश्वासन दिया, पर उन्होंने अपर मुख्य सचिव ने कोई जानकारी नहीं दी। सूत्रों का कहना है कि सचिवालय में प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं है, इसी कारण यह घटना हुई है। इसमें सचिवालय प्रशासन विभाग की लापरवाही की बात सामने आ रही है।

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