बरेली: 40 फीसदी गन्ना किसानों ने घोषण पत्र नहीं किया ऑनलाइन
बरेली, अमृत विचार। चीनी मिलें नवंबर के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएंगी लेकिन अब तक 40 फीसदी गन्ना किसानों ने घोषणा पत्र ऑनलाइन नहीं किए हैं। उन्होंने ऐसा करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। वह बीते साल की तरह मैन्युअल ही घोषणा पत्र दाखिल करने की बात कह रहे हैं। इससे अधिकारी परेशान हैं। …
बरेली, अमृत विचार। चीनी मिलें नवंबर के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएंगी लेकिन अब तक 40 फीसदी गन्ना किसानों ने घोषणा पत्र ऑनलाइन नहीं किए हैं। उन्होंने ऐसा करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। वह बीते साल की तरह मैन्युअल ही घोषणा पत्र दाखिल करने की बात कह रहे हैं। इससे अधिकारी परेशान हैं। घोषणा पत्र जमा नहीं करने पर किसान गन्ना नहीं बेच पाएंगे।
गन्ना अधिनियम के अनुसार सभी गन्ना उत्पादकों को गन्ना परिषद कार्यालय में घोषणा पत्र जमा करने की बाध्यता होती है। अभी तक ये घोषणा पत्र गन्ना परिषद कार्यालय में ऑफलाइन जमा होते थे, लेकिन इस बार कोरोना महामारी में भीड़भाड़ से बचने को गन्ना आयुक्त ने व्यवस्था में बदलाव कर दिया। एंड्रॉयड फोन या फिर जन सेवा केंद्र के माध्यम से घोषणापत्र भरना है जिसमें संबंधित किसानों को अपनी समस्त जानकारी जैसे बैंक खाता, मजरा, आधार, खतौनी तथा हिस्सेदारी की फोटो कॉपियां अपलोड करनी होगी।
जिले में जून से घोषणा पत्र ऑनलाइन जमा करने का कार्य शुरू हो गया था। साढ़े चार महीने में करीब एक लाख किसानों के सापेक्ष 60 फीसदी के करीब ही घोषणा-पत्र जमा हो पाए हैं। 30 सितंबर अंतिम तारीख है। ऐसे में दस दिन में यह कार्य पूरा होता नहीं दिख रहा है। सबसे अधिक किसान नवाबगंज तहसील के भदपुरा, केलाडांडी, हरैया, जिगनिया और ब्लाक बिथरीचैनपुर के पुरनापुर, कचौली आदि ग्राम पंचायतों के हैं जिन्होंने पूर्व की व्यवस्था के तहत की घोषणा पत्रों को भरने की बात कहकर विभागीय अधिकारियों की परेशानी बढ़ा दी हैं। डीसीओ पीएन सिंह का कहना है कि यह आदेश किसानों के हित में है जो किसान स्वयं घोषणा-पत्र ऑनलाइन नहीं करा सकते उनकी समस्या का निदान गन्ना समिति के शिविरों में करने का प्रयास करेंगे।
..तो इसलिए बनाई जा रही दूरी
जनपद में बड़ी संख्या में आज भी किसान एंड्रॉयड फोन नहीं चलाते हैं। कइयों को घोषणा पत्र भरने की सटीक जानकारी नहीं है। सीएससी केंद्रों के संचालकों को भी घोषणा पत्र भरने में भारी दिक्कतें आती हैं जिसमें किसानों की खतौनी से हिस्सा निकालना आदि शामिल है।
पोर्टल पर संशोधन का विकल्प भी
गन्ना विभाग ने पेराई सत्र 2021-22 में घोषणा पत्र भरने वाले किसानों को राहत देने के लिए ईआरपी वेबसाइट enquiry.caneup.in पर संशोधन का विकल्प भी दिया है। घोषणा पत्र भरने में किसान से कोई गलती होती है तो वह वेबसाइट पर संशोधन के विकल्प में जाकर उसे सही कर सकता है। अपर मुख्य सचिव व गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक किसान सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने के बाद भरे गये घोषणा पत्र को देख कर संतुष्ट होने के उपरान्त सबमिट कर सकता है, जिसके लिए विकल्प दिये गये हैं।
