बरेली: बिछड़ों के चेहरे पर खुशी लाएगा ऑपरेशन मुस्कान

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बरेली, अमृत विचार। जीआरपी, रेलवे चाइल्ड लाइन और आर्य समाज अनाथालय शासन से मिले निर्देश के बाद इन दिनों अपनों से बिछड़े बच्चों को उनके परिजनों से मिलाने की कवायद में लगा है। इसके लिए ऐसे बच्चों की सूची तैयार की जा रही है जो आसपास के जिलों या फिर दूसरे राज्यों से भटककर किसी …

बरेली, अमृत विचार। जीआरपी, रेलवे चाइल्ड लाइन और आर्य समाज अनाथालय शासन से मिले निर्देश के बाद इन दिनों अपनों से बिछड़े बच्चों को उनके परिजनों से मिलाने की कवायद में लगा है। इसके लिए ऐसे बच्चों की सूची तैयार की जा रही है जो आसपास के जिलों या फिर दूसरे राज्यों से भटककर किसी तरह यहां पहुंचे हों।

यह खोए बच्चे अलग-अलग थाना क्षेत्रों और रेलवे स्टेशनों पर भटकते पाए गए या फिर इन्हें कोई अनाथालय में छोड़ गया है। एडीजी रेलवे पीयूष आनंद के निर्देश पर जीआरपी इस काम को अंजाम दे रही है। आर्य समाज अनाथालय द्वारा अब तक 38 बच्चों की सूची जीआरपी को दी गई है।

उधर, जीआरपी के अधिकारियों ने बताया कि जिन बच्चों के आधार कार्ड नहीं बने हैं उनके आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। जिन 38 बच्चों की सूची उन्हें मिली है उनमें से 8 नाबालिग ऐसे हैं जो शादी करने के इरादे से घर से भागकर आए थे। जबकि, 22 बच्चे ऐसे हैं जिन्हें उनके मां-बाप ही छोड़ गए। लिहाजा बचे हुए 8 नाबालिगों के परिजनों को जीआरपी ढूंढकर उनके सुपुर्द करेगी। इनमें से 13 वर्षीय एक किशोर के परिजनों का पता लगा लिया गया है जो फुलवारी शरीफ पटना, बिहार के रहने वाले हैं।

इसके अलावा जिन बच्चों के परिजनों का सुराग नहीं लग पाया है, उनको ढूंढने का प्रयास किया जाएगा। जिन 38 बच्चों की सूची आर्य समाज अनाथालय ने दी है उनमें 21 लड़के और 17 लड़कियां शामिल हैं। इन बच्चों की उम्र 4 साल से लेकर 17 साल तक है। बरेली और आसपास के जिलों के अलावा बिहार, झारखंड, राजस्थान जैसे राज्यों के बच्चे इस वक्त अपनों से मिलने की राह तक रहे हैं। आर्य समाज अनाथालय के प्रधान हर्ष वर्धन ने बताया कि जीआरपी को उनके द्वारा बच्चों की सूची दे दी गई है।

एडीजी रेलवे के निर्देश पर पूरे मुरादाबाद अनुभाग में यह अभियान चलाया जा रहा है। जिन बच्चों की सूची प्राप्त हुई है उनके परिजनों को खोजने का काम किया जाएगा। बिहार के एक 13 वर्षीय किशोर के परिजनों को ढूंढ लिया गया है। जल्द ही उसको उसके परिजनों के सुपुर्द करेंगे। -अमीराम सिंह, प्रभारी निरीक्षक, जीआरपी

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