शाहजहांपुर: शकुंतला देवी के नाम दर्ज है एक मात्र महिला विधायक बनने का रिकार्ड

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अमित त्रिलोकी, शाहजहांपुर, अमृत विचार। शाहजहांपुर के राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो आजादी के बाद से अब तक विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी नाम मात्र की रही। यह बात दावे से इसलिए कही जा सकती है कि आजादी से अब तक 65 सालों में 107 विधायक चुने गए हैं, जिसमें पुवायां विधानसभा की …

अमित त्रिलोकी, शाहजहांपुर, अमृत विचार। शाहजहांपुर के राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो आजादी के बाद से अब तक विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी नाम मात्र की रही। यह बात दावे से इसलिए कही जा सकती है कि आजादी से अब तक 65 सालों में 107 विधायक चुने गए हैं, जिसमें पुवायां विधानसभा की एक मात्र शकुंतला देवी को विधायक बनने का सपना पूरा हुआ। राजनीति में महिलाओं की नाम मात्र की भागीदारी कहीं न कहीं महिलाओं के प्रति भेदभाव को इंगित करती हैं। खासबात यह भी है कि तमाम प्रमुख राजनीतिक पार्टियां महिलाओं को आरक्षण देने की तो बात चुनावों में खूब करती हैं, लेकिन जब टिकट देने की बात आती है तो हाथ खींच लिए जाते हैं।

आजादी के बाद वर्ष 1952 में पहला विधानसभा का चुनाव हुआ था। उस दौरान जिले में सात निर्वाचन क्षेत्र थे और सात विधायक चुने गए थे। दूसरा चुनाव 1957 में था। इसी तरह हर बार विधायकी के लिए निर्वाचन होते रहे और विधायक चुने गए। आजादी के बाद से वर्ष 2017 तक करीब 17वां विधायकी चुनाव हुआ। इन चुनावों में करीब 107 विधायक चुने गए, जिसमें 106 विधायक पुरुष और मात्र एक महिला शकुंतला देवी विधायक बनी।

पुवायां विधानसभा से शकुंतला देवी ने वर्ष 2012 में सपा से विधायकी के लिए दावेदार ठोकी थी, जिसमें पार्टी ने विचार करते हुए उन्हें टिकट दिया था। चुनाव में उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी बसपा प्रत्याशी अरुण कुमार सागर को करीब नौ हजार वोटों से पराजित कर विधायक सीट पर कब्जा किया था। शकुंतला देवी को 59871 तो वहीं प्रतिद्वंदी को 50973 मत मिले थे। वर्ष 2012 से 17 तक विधायकी चलाने के बाद वह दोबारा चुनावी मैदान में उतरी लेकिन फिर जीत नहीं सकी।

दूसरे चुनाव में शकुंतला की भारी मतों से हार का सामना करना पड़। शकुंतला देवी के पति मिथलेश कुमार को पिछले लोक सभा चुनाव में सपा से टिकट नहीं मिलने के कारण उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। जिसके कारण शकुंतला देवी भी भाजपा की हो गई। वर्तमान में मिथलेश कुमार अनुसूचिति जाति, जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष भी हैं।

…तो दलों को महिलाओं पर विश्वास नहीं
महिलाओं को पार्टी से जोड़ने और उनके वोट जुटाने के लिए महिला मोर्चा का गठन तो सभी दलों से कर रखा है। लगभग सभी पार्टियां महिलाओं के लिए पुरुषों के साथ बराबर का दर्जा दिलाने के दावे भी करते हैं, लेकिन जब महिलाओं को टिकट देने की बात आती है तो हर पार्टियों के दिल और सोच सकुंचित हो जाती है। यही वजह है कि आजादी के बाद से महिलाओं के भागेदारी कम रही है। शाहजहांपुर के इतिहास में पुवायां विधानसभा की एक मात्र शकुंतला देवी विधायक रही।

2012 से 17 तक यह रहे विधायक
वर्ष 2012 से 17 में 16 वां विधायक का चुनाव हुआ था, जिसमें शकुंतला देवी ने जीत दर्ज की थी। उस दौरान शहर सीट से भाजपा से सुरेश खन्ना, ददरौला से सपा के राम मूर्ति सिंह वर्मा, कटरा से सपा के राजेश यादव, तिलहर से बसपा के रोशन लाल वर्मा, जलालाबाद से नीरज कुशवाह और पुवायां से शकुंतला देवी है। रोशनलाल वर्मा ने वर्ष 2017 में बसपा छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर ली थी। 2017 में वह तिलहर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से विधायक बने।

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