‘झांसी बचाओ आंदोलन’ को बनाएंगे जन आंदोलन: प्रदीप जैन

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

झांसी।  झांसी रेलवे स्टेशन का नाम ‘वीरांगना लक्ष्मीबाई’ किये जाने के सरकार के फैसले का स्थानीय लोगों, विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों ने विरोध करना शुरू कर दिया है और कांग्रेस ने नये नाम के साथ झांसी का नाम जोड़े जाने को लेकर ‘झांसी बचाओ आंदोलन’ की शुरुआत कर दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता …

झांसी।  झांसी रेलवे स्टेशन का नाम ‘वीरांगना लक्ष्मीबाई’ किये जाने के सरकार के फैसले का स्थानीय लोगों, विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों ने विरोध करना शुरू कर दिया है और कांग्रेस ने नये नाम के साथ झांसी का नाम जोड़े जाने को लेकर ‘झांसी बचाओ आंदोलन’ की शुरुआत कर दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान सभी लोगों, राजनीतिक दलों और अन्य संगठनों का आह्वान करते हुए कहा, “ झांसी और लक्ष्मीबाई तथा लक्ष्मीबाई और झांसी एक दूसरे की पर्याय हैं।

हम मां को बेटी और बेटी को मां से अलग नहीं होने देंगे। झांसी नाम वापस पाने के लिए हम संघर्ष करेंगे और यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक झांसी का नाम वापस नहीं किया जाता। इसके लिए हमने “ झांसी बचाओ आंदोलन ” शुरू किया है और अब हम इसे जन आंदोलन में बदलेंगे।” श्री जैन ने भाजपा सरकार पर नाम बदलने की राजनीति करना का आरोप लगाते हुए कहा कि यह लोग मुख्य मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के काम करते हैं। नाम बदलने से होगा क्या ,इस सवाल का कोई जवाब इनके पास नहीं होता लेकिन हमेशा ऐसी ही राजनीति कर लोगों का ध्यान भटकाने का काम ये लोग करते हैं।

इस बार इन्होंने ऐतिहासिक शहर का नाम हटाने की साजिश की है जिसे हम किसी कीमत पर कामयाब नहीं होने देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि न जाने किस तरह के नशे में सत्ताधारी दल ऐसे कार्यों को करने में लगा है लेकिन अब हम इनका नशा उतारेंगे। श्री जैन ने कहा कि अपनी मां का नाम वापस लाने के लिए हम राजनीति, दंडनीति और चाहे जो भी नीति अपनानी पड़े अपनायेंगे और नाम वापस लेकर ही रहेंगे। यह कोई कांग्रेस का नहीं बल्कि पूरी झांसी,यहां के जन-जन का मुद्दा है। भाजपा सरकार के इस फैसले से जनभावनाएं आहत हुई हैं और विभिन्न संगठनों तथा लोगों द्वारा खुलकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दिखायी जा रही नाराजगी, इसका सबसे बड़ा प्रमाण है।

उन्हाेंने कहा की हम सारे राजनीतिक दलों, व्यापारिक संगठनों से और पत्रकार समुदाय के लोगों से भी इस आंदोलन से जुड़ने का आह्वान करते हैं। हमारे जनप्रतिनिधियों और सांसद की यह जिम्मेदारी है वीरांगना लक्ष्मीबाई के नाम के साथ झांसी का नाम भी अवश्यंभावी रूप से जोड़ा जाए। जब तक यह नाम नहीं जुड़ेगा, तब तक हमारा आंदोलन अनवरत रूप से चलता रहेगा।

संबंधित समाचार