बहराइच: बसंत मेले पर गाजी की मजार पर पेश की गई फलों की डाली

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बहराइच। हिन्दू-मुस्लिम एकता की प्रतीक विश्व प्रसिद्ध दरगाह हजरत सैय्यद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर मेला बसंत मेला का आयोजन शनिवार को हुआ। बसंत पंचमी के मौके पर दरगाह में आयोजित मेले में देश के अलग अलग जनपदों से आय हजारों श्रद्धालुओं ने मजार पर हाजिरी देते हुवे फूल व चादर पेश की। दरगाह …

बहराइच। हिन्दू-मुस्लिम एकता की प्रतीक विश्व प्रसिद्ध दरगाह हजरत सैय्यद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर मेला बसंत मेला का आयोजन शनिवार को हुआ। बसंत पंचमी के मौके पर दरगाह में आयोजित मेले में देश के अलग अलग जनपदों से आय हजारों श्रद्धालुओं ने मजार पर हाजिरी देते हुवे फूल व चादर पेश की। दरगाह शरीफ का पूरा परिसर गाजी का दामन नहीं छोड़ेंगे गाजी पीर की मदद से गूंज रहा था। सुबह से ही श्रद्धालु गागर चादर और मेवे की डालियों के साथ मज़ार पर पहुंचना शुरू हो गये थे।

मेला बसन्त के अवसर पर दरगाह शरीफ की वर्षों से चली आ रही परम्परानुसार दरगाह शरीफ प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष सैय्यद शमशाद अहमद एडवोकेट के नेतृत्व में सदस्य गण व खुद्दाम दफ्तर दरगाह शरीफ में इकठ्ठा हुवे और वहीं से सरों पर हरि सब्जियों और फलों की डालिये रख्खे मज़ार की ओर रवाना हुवे आगे आगे संतरी भीड़ में रास्ता बनाते हुवे किले की ओर बढ़ रहे थे बाब रहमत के रास्ते प्रबन्ध समिति के जिम्मेदारान और खुद्दाम ने मज़ार शरीफ पर पहुंच कर वहां लगभग 30 तरह के फलों व सब्जियों की डालियां पेश की।

इस अवसर पर शाही इमाम मौलाना अर्शदुल कादरी ने विशेष दुआ कर देश व प्रदेश की खुशहाली, तरक़्क़ी अमन भाईचारगी की दुआ मांगी। इस दौरान बहुत बड़ी तादाद में श्रद्धालुओ के अलावा प्रबन्ध समिति सदस्य दिलशाद अहमद एडवोकेट, मेराज अहमद, जमील फारूकी एडवोकेट,पत्रकार बच्चे भारती, मकसूद अहमद रायनी, हाजी अज़मत उल्ला, शमशाद अली, मास्टर खालिद,वसीम मेकरानी कार्यवाहक मैनेजर हाजी सैय्यद अलीमुल हक, हाजी महफूज उर्रहमान, सैय्यद आरिफ, शब्बू, मास्टर मिज्जन, ताज मोहम्मद व सभी खुद्दाम मौजूद थे।

22 मई को लगेगा जेठ मेला

परम्परानुसार आज ही दरगाह शरीफ पर एक माह तक चलने वाले मेला जेठ की तारीख का भी प्रबन्ध समिति अध्यक्ष द्वारा ऐलान किया गया। इस वर्ष मेला जेठ की खास तारीख 22 मई दिन रविवार है जिस दिन देश के विभिन्न प्रान्तों और जनपदों से श्रद्धालु लाखों की संख्या में बारात लेकर आते हैं।

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