नौजवानों के लगन व परिश्रम से भारत बनेगा विश्वगुरु: विधानसभा अध्यक्ष

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लखनऊ। नौजवानों को देश का वर्तमान और भविष्य बताते हुये उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने मंगलवार को कहा कि देश के नौजवानों के लगन व परिश्रम की महक पूरे विश्व में होगी और भारत उस स्थान पर होगा, जिस स्थान पर विश्वगुरु की स्थापना होगी। असम की राजधानी गुवाहाटी में आयोजित आठवें …

लखनऊ। नौजवानों को देश का वर्तमान और भविष्य बताते हुये उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने मंगलवार को कहा कि देश के नौजवानों के लगन व परिश्रम की महक पूरे विश्व में होगी और भारत उस स्थान पर होगा, जिस स्थान पर विश्वगुरु की स्थापना होगी। असम की राजधानी गुवाहाटी में आयोजित आठवें राष्ट्रमण्डल संसदीय प्रक्षेत्र सम्मेलन में बोलते हुए महाना ने कहा कि जिस ओर जवानी चलती है उस ओर जमाना चलता है। आज हम सभी को उसी ओर चलने की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह कथन कि हमारा देश युवा शक्ति का प्रतीक है, आज की वास्तविकता है। भारत के नौजवान देश में ही नहीं बल्कि समूचे विश्व में अपनी प्रतिभा और योग्यता के माध्यम से दुनिया को एक नयी दिशा दे रहे हैं। आज विश्व के जिन बड़े संस्थानों का नाम लिया जाता है उसमें भारत के नौजवान प्राथमिकता से अपनी भूमिका निभा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आज हम लोग आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं परन्तु अगले 25 वर्षों में हम अपनी आजादी का शताब्दी वर्ष मनायेंगे तो उसमें हमारे नौजवानों के लगन व परिश्रम की महक पूरे विश्व में होगी और भारत उस स्थान पर होगा, जिस स्थान पर विश्वगुरू की स्थापना होगी। भारत को विश्वगुरू का स्थान दिलाने में युवाओं का स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। देश में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से नौजवानों को स्टैण्ड अप, स्टार्ट अप इण्डिया, अटल इनोवेशन मिशन, प्राइम मिनिस्टर फैलोशिप आदि अवसर उपलब्ध कराये गये हैं।

विधानसभा अध्यक्ष  ने कहा कि वर्तमान युग तकनीकी युग है और अलग-अलग क्षेत्रों में तकनीक का रूतबा बढ़ाने की विशेष आवश्यकता है। महाना ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की बात करते हुए कहा कि इस क्षेत्र को हम एनर्जी और क्लाइमेट के लिए उपयोग कर सकते हैं और हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर में इसकी बहुत ही व्यापकता है। स्वामी विवेकानंद पर बात करते हुए कहा कि उनका संपूर्ण जीवन अपने आप में स्वयं एक जीवनशैली हैं। वे स्वयं में एक संस्था थे और 100 साल पहले उनके जो विचार थे वह आज भी हम सबके लिए प्रासंगिक है।

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