बरेली: दिल की गंभीर बीमारी से जूझ रहे बच्चे के चेहरे पर आएगी राहत की मुस्कान

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बरेली, अमृत विचार। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। कुछ ऐसा ही वरुण के साथ हुआ है। दिल की गंभीर बीमारी से वह जूझ रहा है, ऐसे में एक परिचित ने उसके पिता विजयपाल साहू को आरबीएसके कार्यक्रम की जानकारी दी। इस पर विजय ने सीएचसी मझगवां में …

बरेली, अमृत विचार। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। कुछ ऐसा ही वरुण के साथ हुआ है। दिल की गंभीर बीमारी से वह जूझ रहा है, ऐसे में एक परिचित ने उसके पिता विजयपाल साहू को आरबीएसके कार्यक्रम की जानकारी दी। इस पर विजय ने सीएचसी मझगवां में संपर्क किया।

चार वर्षीय वरुण की जांच की गई, जिसमें वह सीएचडी यानी दिल की गंभीर बीमारी से ग्रसित मिला। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से हायर सेंटर नि:शुल्क जांच के लिए भेज दिया गया। अधिकारियों के अनुसार सोमवार को बच्चे का ऑपरेशन किया जाएगा।

38 प्रकार की बीमारियों का समुचित इलाज

अपर शोध अधिकारी पीएस आनंद के अनुसार आरबीएसके कार्यक्रम के तहत बच्चों की 38 तरह की बीमारियों का इलाज किया जाता है। इन सभी बीमारियों को चार मूल श्रेणियों में बांटकर इसे फोरडी का नाम दिया गया है। इनमें दांत सड़ना, हकलापन, बहरापन, सूनापन, गूंगापन, चर्म रोग, नाक रोग, त्वचा की बीमारी, मध्यकर्णशोथ, आमवाती हृदयरोग, प्रतिक्रियाशील हवा से होने वाली बीमारियां, ऐंठन विकार, न्यूरल ट्यूब की खराबी, डाउनसिड्रोम, फटा होठ एवं तालू-सि़र्फ फटा तालू, मुद्गरपाद (अंदर की ओर मुड़ी हुई पैर की अंगुलियां), असामान्य आकार का कुल्हा, जन्मजात मोतियाबिद, जन्मजात बहरापन, जन्मजात हृदयरोग, असामयिक दृष्टिपटल विकार आदि शामिल है।

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