पीलीभीत: अधिवक्ताओं ने की हड़ताल, जुलूस निकालकर एडीएम को सौंपा ज्ञापन

पीलीभीत: अधिवक्ताओं ने की हड़ताल, जुलूस निकालकर एडीएम को सौंपा ज्ञापन

अमृत विचार, पीलीभीत। अधिवक्ताओं को लेकर जारी किए गए पत्र में शासन स्तर के अधिकारियों की अमर्यादित भाषा के खिलाफ आक्रोश दिखा। बार काउंसिल के आव्हान पर जनपद भर के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। जुलूस निकालकर नारेबाजी की और अपनी मांगों से जुड़ा ज्ञापन एडीएम वित्त एवं राजस्व राम सिंह गौतम को सौंपा। …

अमृत विचार, पीलीभीत। अधिवक्ताओं को लेकर जारी किए गए पत्र में शासन स्तर के अधिकारियों की अमर्यादित भाषा के खिलाफ आक्रोश दिखा। बार काउंसिल के आव्हान पर जनपद भर के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। जुलूस निकालकर नारेबाजी की और अपनी मांगों से जुड़ा ज्ञापन एडीएम वित्त एवं राजस्व राम सिंह गौतम को सौंपा।

एक दिन पहले ही अधिवक्तओं का अंदोलन तय हो गया था। इसी क्रम में शुक्रवार को तीनों बार संगठनों से जुड़े अधिवक्ता एकत्र हुए। सभी न्यायिक कार्य से विरत रहे। जुलूस निकाल नारेबाजी करते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे। वहां एडीएम को ज्ञापन सौंपा। जिसमें बताया कि शासन की ओर से एक एक कर दो बार दिए गए ज्ञापन में अधिवक्ताओं के लिए अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया गया है। जिसकी निंदा की गई।

इसके अलावा मांग की गई कि परिसर के अंदर बने चेम्बरों में अक्सर मारपीट की घटनाएं होती है। इसकी रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। गवाह और विवेचक से दुर्व्यवहार होता है। इस पर आवश्यक कदम उठाए जाएं। बताया कि अधिवक्ता समाज वह वर्ग है जो समाज को ही नहीं राष्ट्र हित मे भूमिका निभाता है।

इस तरह के अमर्यादित शब्दों के इस्तेमाल वाले आदेश करने वाले अफसरों को पद से हटाने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में बाबूराम शर्मा, संतराम राठौर, आलोक नगाइच, मोहन स्वरूप गंगवार, कुलदीप अवस्थी, वरिष्ठ अधिवक्ता धीरेंद्र मिश्र, फैजान अली आदि थे।

शासनादेश की भाषा बहुत ही अमर्यादित है। प्रदेशभर के अधिवक्ता शुक्रवार को न्यायिक कार्य से विरत हैं। प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजकर शासनादेश वापस लेने की मांग की गई है। 22 मई को उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की बैठक बुलाई गई है। जिसमें अगली रणनीति बनाई जाएगी— अजय कुमार शुक्ला, सदस्य सचिव, बार काउंसिल।

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