कल्याण सम्मेलन

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भारतीय जनता पार्टी की सरकार के केंद्र में आठ साल पूरे होने के अवसर पर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आयोजित गरीब कल्याण सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान सम्मान निधि के 10 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 21 हजार करोड़ की राशि ग्यारहवीं किश्त के रुप में जारी की। सम्मेलन में सरकार …

भारतीय जनता पार्टी की सरकार के केंद्र में आठ साल पूरे होने के अवसर पर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आयोजित गरीब कल्याण सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान सम्मान निधि के 10 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 21 हजार करोड़ की राशि ग्यारहवीं किश्त के रुप में जारी की। सम्मेलन में सरकार की अलग-अलग योजनाओं के लाभार्थी भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री की इस रैली को हिमाचल में चुनावी बिगुल बजाने के रूप में भी देखा जा सकता है।

प्रदेश में इस साल के आखिर में चुनाव हैं और पार्टी उम्मीद कर रही है कि सरकार की योजनाओं के लाभार्थी उनकी जीत की राह आसान करने में मदद करेंगे। साथ ही दो वर्ष के बाद 2024 का लोकसभा चुनाव है। इस बीच 11 राज्यों में चुनाव होने हैं। इनमें पांच राज्यों में भाजपा के मुख्यमंत्री हैं तो तीन राज्यों की सत्ता में भागीदार है। वहीं, दो राज्यों में कांग्रेस और एक में टीआरएस की सरकार है।

ऐसे में मोदी सरकार मौजूदा चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ आगामी लोकसभा चुनाव के लिए माहौल बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इन आठ वर्षों में प्रधानमंत्री ने ‘सबका साथ-सबका विकास’ नारे के साथ जताया है कि राजनीतिक इच्छा शक्ति वाली सरकार कैसे अपने फैसलों से राजनीति की दशा और दिशा बदल सकती है।

इस दौरान सरकार ने कई बड़े फैसले लिए नोटबंदी से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक तक और तीन तलाक अधिनियम लागू करने से लेकर तीन कृषि कानूनों की वापसी तक। कुछ फैसलों को जनता ने सराहा तो कुछ की वजह से उसे परेशानी भी हुई। हालांकि सरकार ने सभी फैसलों को जनहित में बताया। कुल मिलाकर पिछले आठ सालों में आर्थिक विकास मिला जुला रहा है। पूरी दुनिया में कोरोना महामारी और फिर यूरोप में युद्ध के कारण भारत की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। जीडीपी का प्रदर्शन मिलाजुला रहा है। महंगाई सरकार के साथ-साथ आरबीआई के लिए भी बड़ी चिंता की बात रही।

उधर कांग्रेस ने शिमला रैली के दौरान सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के आरोप लगाए हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों का अधिकार है, यह कोई खैरात नहीं है। ऐसे में उनका राजनीतिक दृष्टि से उपयोग करना उनको सार्वजनिक करना उनके निजता के अधिकार का भी हनन है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में सिर्फ वही बातें कहीं जो आज तक कहते आए हैं। जबकि चुनावी वर्ष में प्रदेश की जनता को प्रधानमंत्री से बहुत सारी उम्मीदें थीं। ध्यान रहे भाजपा का भरोसा है कि पार्टी विकास की राजनीति को, देश की मुख्यधारा में लाई है। फिर भी पार्टी को आम आदमी के रोजमर्रा के संघर्ष को कम करने की दिशा में काम करना होगा।