बरेली: पैगाम-ए-मुफ्ती-ए-आजम हिंद कॉन्फ्रेंस में जुटे उलेमा और अकीदतमंद
बरेली, अमृत विचार। उर्स-ए-आला हज़रत और उर्स-ए-अमीन-ए-शरीअत के दूसरे दिन नबीरा-ए-आला हज़रत और ऑल इंडिया रज़ा एक्शन कमेटी (आरएसी) के सदर अफरोज मियां की सरपरस्ती और नायब सदर मौलाना अदनान मियां की सदारत में बीबी जी की मस्जिद में पैग़ाम-ए-मुफ्ती-ए-आजम और तालीमी कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। जिसमें देश के कोने-कोने से आए अक़ीदतमंद शरीक हुए। इससे …
बरेली, अमृत विचार। उर्स-ए-आला हज़रत और उर्स-ए-अमीन-ए-शरीअत के दूसरे दिन नबीरा-ए-आला हज़रत और ऑल इंडिया रज़ा एक्शन कमेटी (आरएसी) के सदर अफरोज मियां की सरपरस्ती और नायब सदर मौलाना अदनान मियां की सदारत में बीबी जी की मस्जिद में पैग़ाम-ए-मुफ्ती-ए-आजम और तालीमी कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। जिसमें देश के कोने-कोने से आए अक़ीदतमंद शरीक हुए। इससे पहले दिनभर आरएसी के कार्यकर्ता चादरों के जुलूस लेकर दरगाह आला हज़रत पहुंचते रहे। दोपहर 2.38 मिनट पर कांकर टोला स्थित ख़ानक़ाह-ए-अमीन-ए-शरीअत पर क़ुल शरीफ़ हुआ, जिसमें मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी आरएसी की टीम के साथ शरीक हुए।
उर्स के दूसरे दिन सुबह से ही अकीदतमंद ख्वाजा कुतुब स्थित आरएसी मुख्यालय बैतुर्रज़ा पर हज़रत मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी से मुलाक़ात करने पहुंचने शुरू हो गए। दिन चढ़ते-चढ़ते ज़िले के विभिन्न इलाक़ों से आरएसी की टीमें चादरों के जुलूस लेकर पहुंचने लगीं। इनमें रिठौरा, गैनी, सेथल,गुलाब नगर फरीदपुर, किला, छावनी से आए जुलूस शामिल थे। चूंकि इस बार आला हज़रत का 104वां उर्स मनाया जा रहा है, इसलिए अक़ीदत के तौर पर 104 मीटर की चादरें लेकर पहुंचीं। सभी टीमें आरएसी मुख्यालय पर नायब सदर मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी से दुआ कराने के बाद दरगाह आला हज़रत पहुंचीं। इसके बाद नायब सदर आरएसी की टीम के साथ ख़ानकाह-ए-अमीन-ए-शरीअत पहुंचकर क़ुल शरीफ़ में शामिल हुए।
बता दें बीबी जी की मस्जिद में प़ैगाम-ए-मुफ्ती-ए-आज़म हिंद व तालीमी कॉन्फ्रेंस में उलमा की तक़रीरें हुईं, जिसकी सदारत मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी ने की। उनके साथ हन्नान उद्दीन मौलाना हम्माद रज़ा क़ादरी, सय्यद शोएब मियां और आरएसी के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अब्दुल्लाह रज़ा क़ादरी भी मौजूद रहे। उलमा ने कहा कि तमाम फर्ज़ों की पाबंदी के साथ शरीअत पर पाबंदी, अक़ीदे को दुरुस्त रखना, सुलहकुल्लियत से दूर रहना और सारी दुनिया को दीन का पैग़ाम देना ही असल में हुज़ूर मुफ्ती-ए-आज़म का पैग़ाम है। आख़िर में नबीरा-ए-आला हज़रत मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी ने दुआ फ़रमाई। कॉन्फ्रेंस का संचालन हाफ़िज़ इमरान रज़ा बरकाती ने किया।
इस मौके पर मुफ्ती उमर रज़ा, हाफिज इमरान रज़ा कादरी, अब्दुल हलीम खान, मुशाहिद रफत, रजब अली साजू, ताज खान, हनीफ अजहरी, साजिद रज़ा, जमाल अजहरी, सईद सिब्तैनी, शाहबाज रज़ा तौहीद रज़ा, आमिर रज़ा इब्ने हसन, काशिफ रज़ा, मोहम्मद उवैस, शोएब रज़ा,नफीस रज़ा, रिज़वान रज़ा, इस्लाम डायरेक्टर, मौलाना हमदम फैजी, मोईद रज़ा, रिज़वान रज़ा ,सहित आरएसी के तमाम कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान आरएसी मुख्यालय पर लंगर जारी रहा। अब 23 सितंबर को उर्स के तीसरे और आख़िरी दिन आरएसी मुख्यालय पर दोपहर 2.38 बजे आला हज़रत का क़ुल शरीफ़ होगा।
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