‘जमानत होगी जब्त’, फूलपुर से नीतीश के चुनाव लड़ने की तैयारी पर केशव का तंज
भदोही। उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक लोकसभा सीट फुलपुर से बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार का आगामी चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही है। इस पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बिहार के सीएम के आगामी लोकसभा चुनाव फूलपुर संसदीय सीट से लड़ने की अटकलों के बारे में कहा कि अगर वह इस …
भदोही। उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक लोकसभा सीट फुलपुर से बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार का आगामी चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही है। इस पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बिहार के सीएम के आगामी लोकसभा चुनाव फूलपुर संसदीय सीट से लड़ने की अटकलों के बारे में कहा कि अगर वह इस सीट से चुनाव लड़े तो उनकी जमानत जब्त हो जाएगी।
मौर्य ने यहां संवाददाताओं से कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश की पार्टी जनता दल यू की बिहार में दो सीट जीतने की हैसियत रह जाती है। उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में जदयू ने भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़ा था और तब नीतीश को दो सीट मिली थी।
गौरतलब है कि हाल ही में नीतीश ने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ कर लालू यादव की राजद के साथ मिलकर बिहार में सरकार बना ली है। इसके बाद उत्तर प्रदेश की कुर्मी बहुल क्षेत्र फूलपुर सीट से नीतीश के चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई है। फूलपुर सीट से मौर्य भी सांसद रह चुके हैं। इस सीट से नीतीश के चुनाव लड़ने पर भाजपा के कमजोर पड़ने के सवाल पर मौर्य ने कहा कि नीतीश कुमार जी की जमानत जब्त हो जाएगी। याद कीजिये 2014 का लोकसभा चुनाव, बिना मोदी जी के चेहरे के लड़े थे, नीतीश जी के चेहरे के दम पर उनके केवल दो सांसद जीते थे। बिहार की जनता ने उनकी हैसियत दो सांसद वाली ही बनाकर रखी है।
मौर्य ने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन में उनका कद बढ़ा रहता है। अब उन्होंने जहां गठबंधन किया है, वहां उनका क्या हश्र होगा, यह 2024 में पता चल जायेगा। राजद के नेता लालू यादव और नीतीश की बीती रात सोनिया गांधी से हुयी मुलाकात के सवाल पर मौर्य ने कहा कि 100 में 60 हमारा है, 40 में बंटवारा है और उस बंटवारे में भी हमारा है। इसलिये 2014 और 2019 में हमारे जितने सांसद जीते थे उससे ज्यादा सांसद 2024 में जीतेंगे।
बता दें, फुलपुर क्षेत्र कभी कांग्रेस की गढ़ था। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की यह पहली लोकसभा सीट है जहां से उन्होंने चुनाव लड़ा था। कोई संदेह नहीं जीत भी दर्ज की थी। इसके बाद कई बार कांग्रेस इस सीट से जीत हासिल की। 2014 में सूरत-ए- हाल बदला और भाजपा ने जीत दर्ज की। केशव प्रसाद मौर्या सांसद बने। बाद में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में मौर्या को सूबे का उपमुख्यमंत्री का दायित्व साैंप दिया गया। हालांकि वर्तमान में भी भाजपा प्रत्याशी केशरीदेवी पटेल यहां की सांसद हैं।
