काशीपुर: घोषणा के डेढ़ वर्ष बाद भी नहीं लगी सीटी स्कैन मशीन
काशीपुर, अमृत विचार। सरकार की घोषणा के डेढ़ वर्ष बाद भी सरकारी अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन नहीं लग सकी, जबकि रुद्रपुर में मशीन लगने के बाद मरीजों को लाभ भी मिलने लगा है। दरअसल, एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल में जसपुर, बाजपुर, केलाखेड़ा, सुल्तानपुर पट्टी, अलीगंज, रेहड़, ठाकुरद्वारा, बिजनौर, रामनगर, पर्वतीय क्षेत्र से भारी संख्या …
काशीपुर, अमृत विचार। सरकार की घोषणा के डेढ़ वर्ष बाद भी सरकारी अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन नहीं लग सकी, जबकि रुद्रपुर में मशीन लगने के बाद मरीजों को लाभ भी मिलने लगा है।
दरअसल, एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल में जसपुर, बाजपुर, केलाखेड़ा, सुल्तानपुर पट्टी, अलीगंज, रेहड़, ठाकुरद्वारा, बिजनौर, रामनगर, पर्वतीय क्षेत्र से भारी संख्या में मरीज इलाज को पहुंचते हैं। आए दिन सड़क हादसों में घायल मरीज भी आते हैं। अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन नहीं होने के कारण सिर के चोट के मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। जिसके चलते निर्धन मरीजों को निजी डायग्नोस्टिक सेंटरों या निजी अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ता है। जहां पर निर्धन मरीजों की जेब पर अधिक बोझ पड़ रहा है।
मरीज की जिंदगी बचाने के लिए ऐसे मरीजों को कर्ज पर धन लेकर जांच कराने के लिए मजबूर होना पड़ता है। कोरोना काल में फेफड़े के मरीज भी भारी संख्या में पहुंच रहे थे। एक्सरे जांच में फेफड़ों की स्थिति पता नहीं लगने पर डॉक्टर सीटी स्कैन की जांच के बाद मरीज का इलाज शुरू कर रहे थे। इस गंभीर समस्या को देखते हुए शासन ने उप जिला अस्पताल काशीपुर और जिला अस्पताल रुद्रपुर में सीटी स्कैन लगाने के निर्देश दिए थे। मुख्यालय ने इसका प्रस्ताव भी अस्पतालों से मांगा था।
रुद्रपुर जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगाई जा चुकी है, लेकिन काशीपुर अस्पताल में डेढ़ वर्ष भी सीटी स्कैन की फाइल धूल फांक रही है। जिसका खामियाजा अस्पताल में निर्धन मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
हर दिन 5-6 मरीज लेते थे सलाह
उप जिला अस्पताल काशीपुर में हर महीने विभिन्न बीमारियों के करीब 8 से 10 हजार मरीज पहुंचते हैं। इनमें न्यूरो से संबंधित 100 से अधिक मरीज होते हैं। फिजीशियन डॉ. देवेश चौहान कहते हैं कि सिर दर्द, मिर्गी समेत न्यूरो फिजिशियन संबंधी रोज 5-6 मरीज पहुंचते हैं। जिन्हे सीटी स्कैन जांच कराने, दवाई लिखकर आगे दिखाने की सलाह दी जाती है।
इन समस्याओं पर दी जाती है सीटी स्कैन की सलाह
अचानक बेहोश होना, उल्टी अधिक होना, सिर में लगातार तेज दर्द बना रहना, धुंधला दिखना, हाथ व पैरों का काम न करना, सड़क दुर्घटना में सिर में चोट लगने आदि में चिकित्सक सीटी स्कैन की सलाह देते हैं।
स्टाफ की तैनाती का यह है मानक
-एक रेडियोलॉजी तकनीशियन
-दो स्टाफ नर्स
-दो सीटी स्कैन तकनीशियन
-दो वार्ड ब्वाय
-एक डाटा ऑपरेटर
-एक टेक्निकल सपोर्टर
तत्कालीन सीएमओ ने आनन-फानन में मात्र एक करोड़ बीस का प्रस्ताव बनाकर भेजा, जो रद्द हो गया था। संशोधित कर प्रस्ताव दोबारा मुख्यालय भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर काशीपुर एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल में भी सीटी स्कैन मशीन लगाई जा सकेगी। – डॉ. सुनीता चुफाल रतूड़ी, सीएमओ, उधमसिंह नगर
