Video: कमलनाथ ने काटा 'मंदिर के आकार का केक', CM शिवराज बोले- यह हिंदू धर्म का अपमान है
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस नेता कमलनाथ द्वारा मंदिर के आकार का केक काटने पर कहा, यह सनातन परंपरा और हिंदू धर्म का अपमान है, जिसको यह समाज स्वीकार नहीं करेगा।
छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में हनुमान जी की फोटो वाले 'मंदिर के आकार का केक' काट रहे कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का एक वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो पर छिंदवाड़ा के बीजेपी अध्यक्ष विवेक बंटी साहू ने कहा कि कमलनाथ ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह राम मंदिर और राम के विरोधी हैं। कमलनाथ के अपने गृहनगर छिंदवाड़ा के तीन दिवसीय दौरे के दौरान उनके समर्थकों ने अग्रिम तौर पर उनका जन्मदिन मनाया। उनका जन्मदिन 18 नवंबर को आता है।
मंदिर तोड़ने वालों से और क्या उम्मीद की जा सकती है,
— Shobhit Nath (@Shobhitnathmp) November 17, 2022
कमलनाथ तो हैं ही ऐसे पर मुझे तो उन हिन्दुओं पर शर्म आ रही है जो आस-पास खड़े होकर ताली बजा रहे हैं।#HinduVirodhiCongress#Kamalnath pic.twitter.com/EPfeBFrWHQ
वीडियो में स्वयं को हनुमान भक्त कहने वाले कमलनाथ केक के साथ दिखाई दे रहे हैं। मंगलवार शाम को छिंदवाड़ा में पूर्व मुख्यमंत्री के आवास पर यह जश्न मनाया गया। इस मामले पर कांग्रेस ने कहा कि केक उनके समर्थकों द्वारा छिंदवाड़ा से लाया गया था जो अपने नेता का जन्मदिन पहले मनाना चाहते थे। ये केक कमलनाथ द्वारा बनाए गए 121 फीट के हनुमान मंदिर के आकार का था।
कमलनाथ के समर्थकों ने कमलनाथ को भारतीय राजनीति का कोहिनूर बताते हुए उनका अभिनंदन किया और उनकी प्रशंसा की. जन्मदिन समारोह के लिए भजन और आतिशबाजी की गई, इसके बाद कांग्रेस नेता को उपहार भेंट किए गए। इसी दौरान उन्होंने मंदिर के आकार का केक काटा।
कांग्रेसियों का भगवान की भक्ति से कोई लेना-देना ही नहीं है, यह बगुला भगत हैं। इनकी पार्टी कभी श्रीराम मंदिर का विरोध करती थी।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 16, 2022
आप केक पर बना हनुमान जी रहे हैं और फिर केक काट भी रहे हैं। यह सनातन परंपरा और हिंदू धर्म का अपमान है, जिसको यह समाज स्वीकार नहीं करेगा। pic.twitter.com/iN97G9CbtM
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस नेता कमलनाथ द्वारा मंदिर के आकार का केक काटने पर कहा, यह सनातन परंपरा और हिंदू धर्म का अपमान है, जिसको यह समाज स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा, कांग्रेस के नेताओं का भगवान की भक्ति से कोई लेना-देना ही नहीं है...इनकी (कमलनाथ) पार्टी कभी श्रीराम मंदिर का विरोध करती थी।
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