मुरादाबाद : आरक्षण के पेच से किसी की उम्मीदों को लगा ग्रहण, तो कई लोगों के चेहरे खिले
अब 70 वार्ड वाले नगर निगम के महापौर की सीट महिला के खाते में जाते ही वर्तमान महापौर खेमे में खुशी रही
विनोद श्रीवास्तव, अमृत विचार। महापौर, नगर पालिका परिषदों के अध्यक्ष और नगर पंचायतों के चेयरमैन पद का आरक्षण जारी होते ही हलचल तेज हो गई है। अब तक परदे के पीछे रहने वाले दावेदार भी खुलकर ताल ठोकेंगे। हालांकि सूची देखकर कई के चेहरे लटक गए तो कुछ पर रौनक आ गई।
नगर विकास विभाग के सचिव द्वारा नगर निगमों के महापौर, पालिका परिषदों के अध्यक्ष, नगर पंचायतों के चेयरमैन पद का आरक्षण जारी करने के बाद अचानक राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई। आरक्षण के पेच से किसी के उम्मीदों की कटी पतंग जबकि कई पर रौनक छा गई। कई नये दावेदार अब सामने आए तो आरक्षण के पेच से जिसके उम्मीदों की पतंग कट गई वह मायूस हो गए। भाजपा में कई दिग्गज जो अब तक मनमाफिक आरक्षण कराने की डींग हांकते फिर रहे थे अचानक परदे के पीछे हो लिए। अब 70 वार्ड वाले नगर निगम के महापौर की सीट महिला के खाते में जाते ही वर्तमान महापौर खेमे में खुशी रही। जबकि उनके कई राजनीतिक प्रतिद्वंदी चारों खाने चित्त हो गए।
पिछड़ी जाति के लिए सीट होने की आस लगाने वाले कई नेता अब खामोश हो गए। भाजपा ने जाटलैंड को साधने की रणनीति के तहत इस बेल्ट के पिछड़ी जाति के प्रभावशाली नेता भूपेंद्र सिंह चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। इससे माना जा रहा था कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद नगर निगम की सीट शायद पिछड़े वर्ग के खाते में जाए। लेकिन, कयास यहीं तक सिमट कर रह गए। महिला सामान्य होने से अब दलों में कई दावेदार भी दिखेंगी तो कई में घमासान भी रहेगा।
महापौर पद का आरक्षण: अमृत विचार की खबर पर मुहर
नगर निगम के महापौर की सीट मुरादाबाद और बरेली सीट को सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण होने की खबर को सबसे पहले अमृत विचार समाचार पत्र में 16 नवंबर के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। आरक्षण की सूची जारी होने से विनोद अग्रवाल तो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे लेकिन बहू को आगे लाना पक्का माना जा रहा है। उनकी पत्नी बीना अग्रवाल दो बार महापौर रह चुकी थीं। 2016 में उनके निधन के बाद हुए उप चुनाव में विनोद अग्रवाल जीते थे। फिर 2017 में उन्हें जनता ने दोबारा सिरमौर चुना। भाजपा में नगर निगम चुनाव के प्रभारी आगरा के विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल पहले ही कह चुके हैं कि जिसके पास कमल निशान रहेगा वही हमारा पहलवान होगा। महापौर विनोद अग्रवाल कहते हैं कि आरक्षण के अनुरूप पार्टी का जो फैसला होगा उसके आधार पर काम करेंगे। पार्टी का निर्णय शिरोधार्य किया है।
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