अयोध्या: सर्दी में मखमली रजाई व गर्म कपड़े से सुसज्जित हुए श्रीरामलला
अमृत विचार, अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि के अस्थाई मंदिर में विराजमान श्रीरामलला को ठंड से बचाये जाने के लिए गर्म कपड़े व मखमली रजाई ओढ़ाई गई है। साथ ही गर्म व्यंजनों का भोग भी लगाया जा रहा है। दरसल राम जन्मभूमि परिसर में भगवान श्री रामलला बालक के रूप में विराजमान हैं। यही कारण है कि भगवान श्रीरामलला की बाल स्वरूप के रूप में ही देखभाल की जाती है।
मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास की मानें तो जिस प्रकार से एक मां अपने बच्चे को पालने के लिए हर संभव प्रयास करती है, उसी तरह पुजारी अपने बालक स्वरूप भगवान को हर सुख-सुविधा के साथ पूरी व्यवस्थाएं देने का प्रयास करते हैं। राम जन्मभूमि परिसर के अस्थाई भवन में विराजमान भगवान श्रीरामलला को सुबह स्नान के बाद बाल भोग कराया जाता है। जिसमें रबड़ी और मेवा का भोग लगाया जाता है।
दोपहर में भोजन के लिए हरी सब्जी, पूड़ी, अरहर दाल व चावल के साथ खीर खिलाया जाता है। शाम को भी ठंड को देखते हुए मूंग का हलुआ व मेवा का बाल भोग लगाया जाता है। मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि ठंड का मौसम शुरू होते ही भगवान के रखरखाव की व्यवस्था में भी परिवर्तन कर दिया गया है।
सुबह भगवान को स्नान और श्रृंगार के बाद गर्म कपड़े पहनाये जा रहे हैं तो वहीं उनके भोग के लिए उचित व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही गर्म हवा देने वाला ब्लोवर, रजाई व गद्दा का प्रबंध किया गया है। रामलला के भोग राग में भी बदलाव किया गया है।
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