तीन बार एवरेस्ट फतह करने वाली हरियाणा की पुलिसकर्मी अनीता ने बाधाओं के बावजूद सपने को रखा जिंदा
चंडीगढ़। मात्र बारह साल की उम्र में अपने पिता को खो देने और अपनी दो बहनों एवं एक भाई के पालन-पोषण के लिए दूध बेचकर अपनी मां की मदद करने वाली अनीता कुंडू ने तमाम संघर्षों के बावजूद पर्वतारोही बनने के अपने सपने को साकार किया।

हरियाणा की पुलिस निरीक्षक कुंडू ने माउंट एवरेस्ट को तीन बार फतह किया है और अगले साल एक और बार पर्वत चढ़ने की योजना बना रही हैं। अपने पिता की मौत के बाद सामने आई चुनौतियों को याद करते हुए कुंडू ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि 2001 में जब वह 12 साल की थीं, तब उनके पिता का निधन हो गया था।

वर्ष 2013 और 2019 के बीच दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को सफलतापूर्वक फतह करने वाली पुलिस निरीक्षक ने कहा, मेरे पिता मुझे एक शीर्ष खिलाड़ी के रूप में देखना चाहते थे। उन्होंने कहा, अपनी मां के सहयोग से मैंने अपनी दो बहनों और भाई की देखभाल की। परिवार पर आई इस त्रासदी से बाहर आना आसान नहीं था, लेकिन मेरे पिता के शब्दों ने मुझे प्रोत्साहन दिया।

हरियाणा के हिसार जिले में फरीदपुर की रहने वाले कुंडू ने कहा, मेरे पिता कहा करते थे कि कैसी भी स्थिति हो, तुम्हें लड़ना होगा और उसे एक चुनौती के रूप में लेना होगा। उन शब्दों ने मुझे आगे बढ़ने की ताकत दी।
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उन्होंने कहा कि शुरू में वह स्कूल जाने के साथ साथ दूध भी बेचती थीं। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली कुंडू ने कहा, मैं सुबह चार बजे से देर रात तक कड़ी मेहनत करती थी।
बचपन से ही उनमें कुछ अलग करने का जज्बा था। समय के साथ साहसिक खेलों में उनकी रुचि विकसित हुई, हालांकि उनके पिता चाहते थे कि वह एक मुक्केबाज बने। कुंडू 2008 में पुलिस सेवा में शामिल हुईं और उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से पर्वतारोही बनने की इच्छा जताई।

उन्होंने आधुनिक पर्वतारोहण पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया और बिना भोजन या पानी के भी अत्यंत ऊंचाई पर प्रतिकूल परिस्थितियों में जीवित रहने का प्रशिक्षण लिया। 33 वर्षीय कुंडू ने कहा, मैंने पहली बार 2013 में नेपाल की ओर से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी। मैं 2015 में फिर से चोटी को फतह करने के लिए निकली थी, लेकिन भूकंप के कारण बीच में ही लौटना पड़ा।
मैंने 2017 में चीन की तरफ से एवरेस्ट को फतह किया और 2019 में मैंने फिर से एवरेस्ट को फतह किया। दो साल पहले तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार प्राप्त करने वाली कुंडू ने कहा कि उन्होंने अन्य महाद्वीपों की भी चोटियों को फतह किया है।
करनाल में तैनात कुंडू युवाओं को प्रेरित करने के लिए नियमित रूप से विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के कार्यक्रमों में शिरकत करती हैं।पिछले महीने हरियाणा के दो दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूरे देश के सामने महिला सशक्तीकरण की बेहतरीन मिसाल पेश करने के लिए राज्य की बेटियों की तारीफ की थी। मुर्मू ने कुंडू सहित कुछ महिला खिलाड़ियों से भी बातचीत की और उनके जीवन के अनुभवों के बारे में जाना।
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