बरेली: ईदगाह रही सूनी, घरों में पढ़ी गई नमाज
बरेली, अमृत विचार। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते ईदगाह में भी सन्नाटा रहा। ईद उल अजहा की नमाज के लिए मस्जिदों में इमाम के साथ तीन से चार लोग ही मौजूद रहे। बाकी लोगों ने घरों पर ही नमाज अदा कर देश और दुनिया से कोरोना वायरस के खात्मे की दुआ मांगी। उसके लोगों …
बरेली, अमृत विचार। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते ईदगाह में भी सन्नाटा रहा। ईद उल अजहा की नमाज के लिए मस्जिदों में इमाम के साथ तीन से चार लोग ही मौजूद रहे। बाकी लोगों ने घरों पर ही नमाज अदा कर देश और दुनिया से कोरोना वायरस के खात्मे की दुआ मांगी। उसके लोगों ने घरों में कुर्बानी कर सादगी के साथ ईद का त्योहार मनाया।
ईद उल अजहा पर हर साल बाकरगंज स्थित ईदगाह पर हजारों की संख्या में नमाजी एकत्रित होकर नमाज पढ़ते थे। इसके बाद एक दूसरे को गले मिलकर मुबारकबाद दी जाती थी। लेकिन, कोरोना के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के कारण ईद के दिन गुलजार रहने वाला शहर त्योहारों को मनाने से महरूम रहा।
शासन और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने लोगों से घरों में रहकर ही ईद मनाने की अपील की थी। जिस पर लोगों ने अमल करते हुए घरों में रहकर ही चाशत की नमाज अदा की। मस्जिदों में इमाम के साथ चार से पांच लोगों ने ईद की नमाज के बाद देश से कोरोना वायरस के खात्मे की दुआ मांगी। सुरक्षा के लिहाज से सुबह से ही पुलिस के बड़े अधिकारी ईदगाह समेत शहर के इलाकों में दौरा कर रहे थे। शहर से लेकर देहात तक मस्जिदों के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया गया था।
मुस्लिम इलाकों में छाया रहा सन्नाटा
कोरोना काल के बीच शनिवार को बकरीद की नमाज मस्जिदों में चंद लोगों के साथ ही अदा की गई। मुस्लिम बाहुल इलाकों में ईद उल अजहा की रौनक इस बार भी फीकी रहने से सन्नाटा पसरा रहा। ईदगाह और मस्जिदों में ईद की नमाज के लिए न लंबी सफे लगी और बच्चों को लुभाने के लिए छोटे-छोटे मेले भी नहीं लगे।
गले मिलने से लोगों ने बनाई दूरी
कोरोना वायरस के वजह से लोग खुद जागरूक हो रहे है। इस बार ईद उल फितर की तरह बकरीद पर भी लोगों ने एक दूसरे से गले और हाथ मिलाकर ईद की मुबारकबाद देने से दूरी बनाकर रखी। मुस्लिम उलमा ने भी कहा है कि देश में कोरोना वायरस बढ़ता जा रहा है और यह जरूरी है कि ईद के समय में एहतियात बरती जाए।
दरगाह ताजुश्शरिया पर काजी ए हिन्दुस्तान ने पढ़ाई नमाज
दरगाह आला हजरत स्थित दरगाह ताजुश्शरिया पर ईद उल अजहा की नमाज सुबह 6:30 काजी ए हिंदुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रजा खां कादरी ने अदा कराई। नमाज के बाद कोरोना वायरस के खात्मे और हिंदुस्तान की तरक्की के लिए दुआ की। इस मौके पर आला हजरत खानदान के लोग मौजूद रहे। जमात के प्रवक्ता समरान खान ने बकरीद की मुबारकबाद देते हुए बताया ईद उल अजहा की नमाज शहर भर की हर छोटी-बड़ी मस्जिदों में समय के हिसाब से इमाम के साथ चंद लोगों ने नमाज पढ़ी। बाकी लोगो ने दरगाह आला हजरत के फरमान को मानते हुए अपने घरों में नमाज ए चाश्त या दो रकअत नफल की नमाज अदा की।
घरों में दी गई जानवरों की कुर्बानी
मुसलमानों ने ईद उल अजहा का त्योहार साप्ताहिक लाकडाउन का पालन करते हुए अपने घरों में ही मनाया। कुर्बानी का सिलसिला (रविवार) और ( सोमवार) तक चलेगा। खानकाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन व जमात रजा ए मुस्तफा के राष्ट्रीय अध्यक्ष काजी ए हिंदुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रजा खां कादरी और जमात के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मियां ने देशभर के लोगों की ईद उल अजहा की मुबारकबाद दी।
एडीजी और एसएसपी ने देखी सुरक्षा व्यवस्था, पहुंचे ईदगाह
बकरीद के मौके पर किसी तरह का कोई विवाद न हो। कोरोना को लेकर जारी किए गए निर्देशों का पालन हो। इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस अफसर सुबह से ही मैदान में उतर आए। उन्होंने ईदगाह और मस्जिदों का भ्रमण किया और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। सामूहिक नमाज की आशंका के मद्देनजर बाकरगंज ईदगाह मैदान को बंद रखा गया। ईदगाह के बाहर बेरिकेडिंग लगाकर वहां पुलिस फोर्स तैनात रखी गई। एक कंपनी आरएएफ के जवान भी ईदगाह के बाहर दिनभर ड्यूटी देते रहे।

एसएसपी ने भी जिले का भम्रण कर सुरक्षा व्यवस्था देखी। वायरलेस पर सभी एसपी, सीओ और इंस्पेक्टर समेत चौकी इंचार्जों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। शहर में सभी प्रमुख चौराहों, धर्मस्थलों और मोहल्ले में पुलिस के साथ ही आरएएफ और पीएसी के जवान तैनात नजर आए। सभी थाना प्रभारियों ने अपने-अपने क्षेत्र घूमकर लोगों से घरों में ही रहकर त्यौहार मनाने की अपील की।
