बरेली: श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने से हुआ था धुंधकारी का उद्धार: आचार्य राजेंद्र

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Published By Om Parkash chaubey
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बरेली, अमृत विचार। धोपेश्वरनाथ मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में गोकर्ण उपाख्यान का कथा का विस्तृत वर्णन किया गया। रविवार को कथा का वर्णन कर रहे कथाव्यास आचार्य राजेंद्र ने कहा कि जिस धुंधकारी का गया तीर्थ में तर्पण करने से उद्धार नहीं हुआ उसका श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण करने से हो गया।

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इस अवसर पर भजनों की धुन पर श्रद्धालु तालियां बजा कर ईश्वर का गुणगान करते दिखे। कथाव्यास ने कहा कि भागवत कथा कोई साधारण कथा नहीं है। कथा श्रवण करने से ज्ञान और वैराग्य जागृत होते हैं। भागवत कथा जीते जी तो जनमानस का कल्याण करती ही है अगर मरने के बाद भी यह कथा उस व्यक्ति के निमित्त कराई जाए जो इस संसार में नहीं है, उसका भी उद्धार कर देती है।

कथा विश्राम के समय आचार्य घनश्याम जोशी ने कहा कि यह कथा हम सबकी है। इस कथा को श्रवण करने से हम सबका कल्याण होता है। बताया जिस प्रकार खेत में एक बीज डालने से उस बीज से एक वृक्ष की उत्पत्ति होती हैं और वह वृक्ष सबको छाया देता है, ठीक उसी प्रकार हमने यह बीज डाला है और इस बीज से उत्पन्न इस वृक्ष से हम सबको छाया लेनी है। कथा में मुख्य यजमान अमृता पाण्डेय, पं. श्रवण पाण्डेय, पूनम शर्मा, अभिषेक शर्मा, डा. वैभव जायसवाल आदि लोग उपस्थित रहे।

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