मुरादाबाद : पार्षद ने साध ली चुप्पी, अब समस्या बताने जाएं कहां?
संकट मोचन पार्क के पास मिट्टी डालकर बंद कर दिया नाला, विजय नगर में दुर्गंध से क्षेत्रवासी परेशान
संकट मोचन पार्क के पास बंद किया गया नाला, सीवर लाइन के लिए बजरी में मिट्टी मिलाती जेसीबी मशीन।
मुरादाबाद,अमृत विचार। स्मार्ट सिटी की असली तस्वीर विजय नगर में दिखाई दे रही है। यहां नाले में कूड़ा सड़ रहा है। इससे उठने वाली दुर्गंध से लोग परेशान हैं। पार्षद से कई बार शिकायत की गई, मगर सुनवाई नहीं हुई। कुछ लोगों ने संकट मोचन पार्क के पास मिट्टी भरकर नाले को बंद कर दिया। इससे परेशानी और बढ़ गई। क्षेत्रवासियों का कहना है कि यदि बरसात हुई तो नाले का गंदा पानी उनके घरों में भर जाएगा। उन्होंने नाले की सफाई कराने और इससे निकलने कचरे को तत्काल उठवाने की मांग की है।
पीतल नगरी डिपो के सामने स्थित विजय नगर में रेलवे लाइनों के किनारे नाला है। इसमें विजय नगर के अलावा शिवपुरी का भी गंदा पानी गिरता है। रेलवे द्वारा चहारदीवारी करने के बाद इस नाले पर सफाई का संकट छा गया। अब केवल नाले से जुड़े रास्तों पर पोकलेन मशीन से ही सफाई की जा सकती है। पिछले कई महीने से इसकी सफाई नहीं हुई। इसके चलते इसमें कूड़ा एकत्र होकर सड़ने लगा। इसके चलते यहां रहने वाले तमाम लोग डेंगू की चपेट में आ गए। इसके बावजूद नाले की सफाई नहीं कराई गई। चीनी गोदाम के सामने रहने वाले ठाकुर अवधेश सिंह ने बताया कि नाले से उठती दुर्गंध ने जीना मुहाल कर रखा है।
नाले सफाई के बाद कूड़ा वहीं डाल देते हैं। कुछ समय बाद वह फिर से नाले में ही पहुंच जाता है। संकट मोचन पार्क में बड़ा बोरिंग हुआ था। इसके लिए रेलवे और पार्क की दीवार तोड़कर मशीने आईं थीं। तब मिट्टी डालकर नाले को बंद कर दिया गया था। काम खत्म होने के बाद भी नाले को नहीं खोला गया है। इसके चलते नाले का गंदा पानी नालियों में वापस लौटने लगा है। उन्होंने बताया कि पार्षद से भी कई बार शिकायत की गई मगर नतीजा कुछ नहीं निकला। ऐसे में यदि थोड़ी सी भी बारिश हुई तो पानी उनके घरों में भर जाएगा।
नाले के किनारे बाइक मरम्मत की दुकान चलाने वाले बबलू का कहना है कि बदबू की वजह से यहां सांस लेना भी दूभर है। मोनू ने बताया कि सफाई कर्मियों और पार्षद को कई बार फोन करके नाले की सफाई कराने को कहा मगर वह आज-कल करके टरका देते हैं। पास में ही माता मंदिर है। इसमें रोजाना सैकड़ों लोग पूजा करने आते हैं। उन्हें भी दुर्गंध का सामना करना पड़ता है।
पार्क में बोरिंग की वजह से रेलवे से अनुमति लेकर दीवार तोड़ी गई थी। मशीनों को आने-जाने के लिए नाले को बंद करके रास्ता बनाया गया था। एक दो दिन में नाले को खोल दिया जाएगा और सफाई भी करा दी जाएगी। -पूनम बंसल, पार्षद।

सीवर लाइन के लिए बजरी में मिट्टी मिलाती जेसीबी मशीन।
बजरी में मिट्टी मिलाकर बनाई जा रही सीवर लाइन, जिम्मेदार बने अनजान
मुरादाबाद। रामगंगा विहार में सीवर लाइन में मिट्टी मिलाकर बजरी का प्रयोग कर मानकों की अनदेखी की जा रही है। लेकिन जिम्मेदार अंजान हैं। वे डस्ट मिलाने का दावा कर रहे हैं। महानगर में कई वर्ष से सीवर लाइन डालने का काम चल रहा है। काम में मानकों की अनदेखी की जा रही है। गुरुवार को आशियाना फेस वन स्थित एक प्लाट में जेसीबी से बजरी और मिट्टी को मिलाया जा रहा था। इसके बाद इसे ट्राली में भरा जा रहा था। जेसीबी और ट्रैक्टर चालक ने बताया कि बजरी मिली यह मिट्टी रामगंगा विहार फेस दो में डल रही सीवर लाइन में इस्तेमाल हो रही है।
क्षेत्रवासियों का कहना है कि ठेकेदार मनमानी करते हैं। शिकायत पर कहते हैं कि ऊपर से ऐसा ही आदेश मिला है। रामगंगा विहार फेस दो निवासी सेवानिवृत्त बिजली कर्मी अशोक कुमार ने बताया कि सब गोलमाल किया जा रहा है। संबंधित अधिकारी जान-बूझकर अंजान हैं। उन्होंने बताया कि सीवर लाइन में डालने के लिए बजरी को डस्ट में मिलाया जाता है। इससे एक ओर जहां सीवर लाइन की मजबूती बढ़ती है, वहीं इसमें लगे पाइपों की उम्र भी बढ़ जाती है। लेकिन यहां नियमों की अनदेखी कर डाली जा रही सीवर लाइन से यदि कोई हादसा होगा तो उसका असर क्षेत्रवासियों पर पड़ेगा। जानकारों का कहना कि बजरी में मिट्टी मिलाने से यह कमजोर तो रहेगी। इसके धंसने की संभावना भी बढ़ जाएगी। साथ ही इसमें दबे पाइप भी फट सकते हैं।
सीवर लाइन में डालने के लिए बजरी में डस्ट मिलाई जाती है। यदि ऐसा नहीं हो रहा है तो यह नियमों की अनदेखी है। मामला संज्ञान में आया है। इसकी जांच कराएंगे और दोषी ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी। -तारिक अली, अधिशासी अभियंता, जल निगम
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