बरेली: ऑफिशियल लिक्विडेटर ने रबड़ फैक्ट्री के 1432 कर्मचारियों का डाटा सही माना

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Published By Moazzam Beg
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बरेली, अमृत विचार। ऑफिशियल लिक्विडेटर बाम्बे हाईकोर्ट ने रबड़ फैक्ट्री के 1432 कर्मचारियों के डाटा को सही माना है। रबड़ फैक्ट्री कर्मचारियों की तरफ से यूनियन के महामंत्री अशोक मिश्रा एवं प्रमोद व यूनियन के एडवोकेट एकेएस लीगल कंसलटेंट के अकबर नेहाल रिजवी और मोहम्मद सत्तार ने जो साक्ष्य उपलब्ध कराए, उन्हें ऑफिशियल लिक्विडेटर ने सही बताते हुए जल्द संपूर्ण रिपोर्ट को हाईकोर्ट में प्रस्तुत करने का भरोसा दिलाया। इससे कर्मचारियों को उनका हक मिलने का भरोसा और बढ़ गया है।

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कारपोरेट कार्य मंत्रालय के ऑफिशियल लिक्विडेटर (आधिकारिक परिसमापक) बाम्बे हाईकोर्ट के कार्यालय में रबर फैक्ट्री के कर्मचारियों की देनदारी के संबंध में बैठक सोमवार दोपहर 12 बजे शुरू हुई। करीब 2 घंटे चली बैठक में डिप्टी ऑफिशियल लिक्विडेटर बीजी नपाने, सीए सुहास राजे, संतोष कदम, एडवोकेट मिस्ट्री वोडका ने भाग लिया। रबर फैक्ट्री कर्मचारियों की तरफ से यूनियन महामंत्री अशोक मिश्रा एवं प्रमोद व यूनियन के एडवोकेट एकेएस लीगल कंसलटेंट के अकबर नेहाल रिजवी और मोहम्मद सत्तार ने भाग लिया। 

कर्मचारियों की ओर से अशोक मिश्रा ने रबड़ फैक्ट्री कंपनी के ओरिजिनल सेलरी रजिस्टर (जो 15 जुलाई 1999 को ऑन रोल है) को पेश किया। इसके साथ मूल निवास के साथ शेष 56 कर्मचारियों के आधार कार्ड दिए। उन्होंने बताया 15 जुलाई 1999 तक 13 कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए थे। उनकी ग्रेच्युटी का क्लेम भी भुगतान करने के साक्ष्य दिए। नियुक्ति प्रमाणपत्र के साक्ष्यों को भी स्पष्ट किया। 

सभी 1432 कर्मचारियों के नियुक्ति पत्र के संबंध में रीजनल प्रोविडेंट फंड कमिश्नर बरेली से सत्यापित कापी भी ऑफिशियल लिक्विडेटर को उपलब्ध कराई। साथ ही डुप्लीकेट पर स्पष्ट किया कि सभी कर्मचारियों की इम्पलाइमेंट नंबर के साथ भविष्य निधि खाते का विवरण दिया। यह भी बताया कि कोई भी डुप्लीकेट नाम नहीं है। मीटिंग में सभी साक्ष्यों को ऑफिशियल लिक्विडेटर ने सही माना। यूनियन द्वारा पेश सभी साक्ष्यों की जांच के बाद सही पाया। ऑफिशियल लिक्विडेटर के पूछने पर बताया कि प्यारे लाल प्रजापति रबड़ फैक्ट्री मजदूर संघ 19 दिसंबर 2022 और आज की मीटिंग में अनुपस्थित रहे हैं। 

अशोक मिश्रा ने बताया कि इसका कारण मैं नहीं दे सकता लेकिन हमने सभी क्लेम सीए से बनवाकर कंपनी के रजिस्टर के आधार पर बनाए हैं, जो आपको दस्तावेज दिए हैं, यही वास्तविकता है। जिस पर सभी ने अपनी सहमति दी। ऑफिशियल लिक्विडेटर ने शीघ्र इस रिपोर्ट को हाईकोर्ट में पेश करने का भरोसा दिलाया। सोमवार को हुई अंतिम बैठक के बाद कर्मचारियों को उम्मीद बंधी कि 23 साल के बाद उनका संघर्ष किसी मंजिल तक पहुंचने वाला है। 5 जनवरी को डिप्टी ऑफिशियल लिक्विडेटर ने सात बिंदुओं पर जानकारी मांगने के साथ सभी दस्तावेजों के साथ बैठक में उपस्थित होने के लिए चिट्ठी भेजी थी। 14 जनवरी को अशोक मिश्रा समेत अन्य लोग मुंबई चले गए थे। रबर फैक्ट्री 1999 में बंद हो गई थी।

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