लखनऊ : बिजली दरों में 12 पैसे वृद्धि का प्रस्ताव खारिज

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Published By Virendra Pandey
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जुलाई से सितंबर के बीच उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 30 से 31 पैसे प्रति यूनिट की कमी आनी चहिए

अमृत विचार, लखनऊ। बिजली कंपनियों द्वारा साल की दूसरी तिमाही में फ्यूल सरचार्ज के मद में 12 पैसे प्रति यूनिट बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने खारिज कर दिया है, जिससे बिजली कंपनियों द्वारा फ्यूल सरचार्ज के नाम पर बिजली दर बढ़ाने की कोशिश पर पानी फिर गया है।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि बिजली कंपनियों के प्रस्ताव के मुद्दे पर उन्होंने सोमवार को नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह व सदस्य बीके श्रीवास्तव से मुलाकात कर विधिवत चर्चा की। जिसके बाद आयोग की तरफ से यह आश्वासन दिया गया कि उपभोक्ताओं पर फ्यूल सरचार्ज के नाम पर कोई अतिरिक्त भार नहीं डाला जाएगा। उपभोक्ताओं पर बिजली कंपनियों का कोई पैसा नहीं निकल रहा है।

फ्यूल सरचार्ज लगाने का प्रस्ताव परीक्षण में खरा नहीं पाया गया है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग के इस फैसले का स्वागत किया है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन के प्रथम संशोधन के आधार पर जुलाई-सितंबर के बीच उपभोक्ताओं का ही फ्यूल सरचार्ज के मद मे करीब 1000 करोड़ रुपये सरप्लस कंपनियों पर निकल रहा है।

जिसके आधार पर जुलाई से सितंबर माह के बीच उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 30 से 31 पैसे प्रति यूनिट की कमी आनी चहिए। नियामक आयोग से मांग की गई है कि पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव को खारिज करते हुए दूसरी तिमाही में बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं के निकल रहे सरप्लस धनराशि के एवज में बिजली दरों में कमी की जाए।

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