Kanpur Dehat Agnikand: बिना रीतिरिवाज शव ले जाने पर भड़के परिजन रास्ते से हुए वापिस, अधिकारियों ने संभाली स्थिति  

रीतरिवाज के बाद अंतिम संस्कार को कानपुर बिठूर ले जाए गए शव

Kanpur Dehat Agnikand: बिना रीतिरिवाज शव ले जाने पर भड़के परिजन रास्ते से हुए वापिस, अधिकारियों ने संभाली स्थिति  

कानपुर देहात, अमृत विचार। मड़ौली गांव में अतिक्रमण हटवाने के दौरान राजस्व व पुलिस टीम के सामने झोपड़ी में मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत के मामले में देर रात पोस्टमार्टम के बाद शव गांव पहुंचे तो फिर से कोहराम मच गया। सुबह अफसरों ने जल्दबाजी में अंतिम संस्कार से पूर्व रीतिरिवाज पूरे किए बिना शवों को बिठूर घाट को रवाना कर दिया। जिसपर रास्ते में परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। जिसके बाद शव फिर से गांव लाए गए। रीतिरिवाज पूरे होने के बाद परिजन शवों को दोबारा अंतिम संस्कार के लिए ले गए।

मैथा तहसील क्षेत्र के मड़ौली गांव में सरकारी जमीन में अवैध कब्जा हटवाने के दौरान बीते सोमवार को संदिग्ध हालात में झोपड़ी में आग लगने से कृष्ण गोपाल दीक्षित की पत्नी प्रमिला देवी (55) व उनकी बेटी नेहा दीक्षित (23) की जिंदा जलकर झोपड़ी में ही मौत हो गई। वहीं 22 बकरियों की भी जलकर मौत हो गई। मामले में मृतका के बेटे शिवम दीक्षित की तहरीर पर एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, रूरा एसओ दिनेश कुमार गौतम, लेखपाल अशोक कुमार समेत 39 लोगों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई। 

वहीं मंगलवार को डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के आश्वासन पर आक्रोशित परिजन शांत हुए थे। जिसके बाद शाम को दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका। देर रात पीएम के बाद सरकारी एंबुलेंस से शवों को गांव लाया गया। जिसपर फिर से चीख-पुकार मच गई। इस दौरान मंडलायुक्त राजशेखर, आईजी कानपुर प्रशांत कुमार, एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति, एसडीएम वित्त एवं राजस्व जेपी गुप्ता समेत भारी पुलिस बल मुस्तैद रहा। वहीं दोबारा बवाल न हो, इसके चलते बुधवार सुबह अफसर शवों को अंतिम संस्कार को ले जाने के लिए परिजनों पर दबाव बनाने लगे। 

जल्दबाजी में शवों को बिना रीतिरिवाज के ही एंबुलेंस में रखकर प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी परिजनों को ले गए। जिसपर लोगों में आक्रोश फैल गया और गांव से करीब तीन किलोमीटर दूर एंबुलेंस रोककर परिजन व ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। एंबुलेंस में सवार पुत्र शिवम ने पैतृक रीतिरिवाज से शवों की अंतिम यात्रा निकालने की बात कही। जिसके बाद वाहनों का काफिला फिर गांव वापस आया और दोनो ही शवों को गांव के पीपल के पेड़ के पास रखकर पिंडदान क्रिया की गई। इसी दौरान परिजनों ने अधिकारियों को बताया की मृतक नेहा के मामा रज्जन दुबे पहुंचने वाले हैं और मामा ही अपनी भांजी को पीपल से कंधा देता है। जिसपर अधिकारी शवों को फिर से गांव लाए। जहां रिवाजों को पूरा किया गया। जिसके बाद शवों को फिर से भारी पुलिस बल की मुस्तैदी में कानपुर नगर के बिठूर में गंगा घाट पर अंतिम संस्कार को ले जाया गया।

7 (61)

मां-बेटी की एक साथ उठी अर्थी, मचा चीत्कार
मड़ौली गांव में बुधवार सुबह मां प्रमिला दीक्षित व बेटी नेहा दीक्षित की अर्थी एक साथ उठी तो माहौल चीत्कारों से गूंज उठा। इस दौरान हर किसी की आंख में आंसू नजर आए। सास व ननद की अर्थी उठते देख शिवम की पत्नी शालिनी दहाड़े मारकर रोने लगी। बिलखते हुए कहा कि पता नहीं था कि जमीन का एक टुकड़ा पूरे परिवार को बिखेर देगा। वहीं शिवम व अंकित मां-बहन की अर्थी से लिपटते हुए बदहवास नजर आए। लोग बार-बार सांत्वना देते, लेकिन दोनों भाई, साहब मार डाला कहकर चीत्कार करने लगते।

ये भी पढ़ें -कानपुर देहात कांड: कांग्रेस ने किया राजभवन तक पैदल मार्च, दोषियों के खिलाफ की कार्रवाई की मांग