मथुरा: राधा रानी मंदिर में आयोजित हुई लड्डू लीला, कल खेली जाएगी लट्ठमार होली

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Published By Vikas Babu
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मथुरा, अमृत विचार। ब्रज की होली में बरसाना की लड्डू और लट्ठमार होली विश्व प्रसिद्ध हैं। इसे देखने के लिए देश विदेश से लोग यहां आते हैं। सोमवार को लट्ठमार होली के पूर्व श्रीजी मंदिर में धूम-धाम से लड्डू होली का आयोजन हुआ। नंदगांव के हुरियारों को न्यौता देकर पांडा बरसाना लौटता है, जिसका सभी लड्डू फेंककर स्वागत करते हैं। राधा रानी और कान्हा का लड्डू का प्रसाद रूपी करुणा पाकर श्रद्धालु होली की मस्ती में चूर हो जाते हैं। 

होली की प्राचीन परंपराओं में लड्डू होली की परम्परा भी बेहद प्राचीन है और लाडली के बरसाना को इसका केंद्र माना जाता है। राधा की नगरी में लड्डू होली के विश्व प्रसिद्ध होने की वजह है इसका परंपरागत स्वरूप का होना। द्वापरकालीन लड्डू होली को देखने के लिए लाखों श्रद्धालु टकटकी लगाए नजर आये। अबीर और गुलाल के साथ लड्डुओं की बरसात होने लगी और भक्तों के जयकारों के मध्य लड्डुओं को पाने की चाहत दिखाई देने लगी। हर कोई इस लड्डू को पाने की चाह में दिखाई दिया।

सोमवार की शाम को हर वर्ष की भांति राधा रानी मंदिर में लड्डू लीला का आयोजन किया गया। लड्डू लीला में पाण्डा पर लड्डू लुटाकर इस लीला को किया जाता है। सुबह करीब 10 बजे बरसाना से पंडा मंगलवार को आयोजित लठामार होली का निमंत्रण देने ढोल नगाड़ों के साथ गाते बजाते हुए नंदगॉव जाता है । नंदगांव में बरसाना के पंडा का स्वागत सत्कार किया जाता है । 

शाम को करीब 4 बजे के बाद सेवायत बरसाना मंदिर पहुंचता। यहां समाज गायन का आयोजन हुआ। पंडा नंदगॉव से शाम को लौटकर बरसाने के प्रमुख श्रीजी मंदिर पहुंचता तो यहां मंदिर में सभी गोस्वामी और श्रद्धालुओं ने मिलकर स्वागत किया। बधाई स्वरूप पांडा पर लड्डू फेंके। इसके बाद मंदिर प्रांगण में मौजूद भक्त भी पांडा के ऊपर लड्डू फेंकने लगे। पाण्डा होली की मस्ती में बेसुध होकर नाचने लगे और लड्डू लीला शुरू हुई। श्रद्धालु अपने साथ लाए लड्डू और गुलाल को एक-दूसरे पर लुटा कर होली के रंग में रंग गए। 

बरसाना में लट्ठमार होली कल
देश विदेश में अपनी विलक्षण शैली के लिए जानी जाने वाली लट्ठमार होली का आयोजन कल किया जाएगा। लट्ठमार होली खेलने के लिए नंदगांव के हुरियारे दोपहर दो बजे प्रिया कुंड पर पहुंचेंगे, जहां बरसानावासियों द्वारा उनका स्वागत सत्कार किया जाएगा। इस मौके पर उनको स्वागत में भांग की ठंडाई पिलाई जाएगी।

भांग की मस्ती में झूमते हुरियारे यहां पर अपनी पाग बांध कर खुद को लट्ठमार की मार झेलने के लिए तैयार करते हैं। हुरियारे यहां से सीधे लाडिली जी मंदिर में पंहुचेंगे, जहां बरसाना और नंदगांव के गोस्वामियों का संयुक्त समाज गायन होगा। समाज गायन के दौरान दोनों पक्ष एक दूसरे पर प्यार भरे कटाक्ष करेंगे।

समाज गायन के उपरांत हुरियारे रंगीली गली में उतरेंगे, जहां हुरियारिनें हाथ में लाठियां लिए उनके स्वागत को तैयार मिलेंगी। रंगीली गली से हुरियारिनों द्वारा हुरियारों पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी जाएंगी और हुरियारे बड़ी कुशलता से खुद को बचाते हुए लाठी प्रहारों को अपनी ढालों पर झेलेंगे। इस सुंदर नजारे को देखने के लिए लाखों का जनसैलाब उमड़ेगा।

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