UP Board 2023 की परीक्षा में माध्यमिक शिक्षा परिषद ने रचा इतिहास, कहीं भी नहीं हुई रांग ओपनिंग, नकल माफिया हुआ पस्त, पेपर भी लीक नहीं 

Amrit Vichar Network
Published By Ravi Shankar Gupta
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अमृत विचार लखनऊ। UP Board Exam 2023 यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटर की परीक्षाएं शनिवार को समाप्त हो गई। शुचितापूर्ण तरीके से परीक्षा कराने के मामले में इस वर्ष बोर्ड ने नया इतिहास रच दिया है। बोर्ड की व्यूरचना के सामने नकल माफिया नतमस्तक दिखे। पूर्व के वर्षों में प्रश्नपत्रों के गलत खुलने की घटनाएं बहुत होती रही हैं। इस बार एक जगह भी ऐसा नहीं हुआ। ऐसा बोर्ड की प्रश्नपत्र की फूलप्रूफ व्यवस्था की वजह से हुआ है। कहीं से पेपर आऊट की घटना भी नहीं हुई है। ऐसे में पुर्नपरीक्षा भी कहीं नहीं हो रही है। 133 छद्म परीक्षार्थियों को भी पकड़ा गया है। सभी को जेल भेजा जा चुका है।

शनिवार को इंटर रसायन शास्त्र एवं समाजशास्त्र के परचे के साथ बोर्ड की परीक्षाएं समाप्त हो गई। हाईस्कूल की परीक्षाएं शुक्रवार को सामाजिक विज्ञान की परीक्षाओं के  साथ ही समाप्त हो गई थीं। इंटर परीक्षा में अंतिम दिन 1,81,687 परीक्षार्थी गैरहाजिर रहे। आज कुल 21,16,095 परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचना था। परीक्षा 8,656 सेंटरों पर हुई थी। इंटर की परीक्षाएं 14 एवं हाईस्कूल की परीक्षाएं 12 दिवस चली। हाईस्कूल में 31,16,487 एवं इंटर में 27,69,258 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे। कुल 58,85,745 परीक्षार्थियों को लेकर शुचितापूर्ण माहौल परीक्षा कराना हर बार बोर्ड के लिए चुनौती रहता है। लेकिन इस बार परीक्षा को लेकर यूपी बोर्ड की नई रणनीति कामयाब रही है। इसकी वजह से नकल माफियाओं के मंसूबे सफल नहीं हो पाए। 

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यूपी बोर्ड परीक्षा की निगरानी के लिए बनाये गये माध्यमिक शिक्षा परिषद के शिविर कार्यालय में राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम की पूरी टीम को प्रमुख सचिव माध्यमिक दीपक कुमार ने सम्मानित किया। इस दौरान निदेशक डॉ महेन्द्र देव सहित विभाग के सभी उच्च अधिकारी उपस्थित रहे।- फोटो अमृत विचार

 

सख्ती ऐसी रही कि नकल पर लगी रही लगाम
यूपी बोर्ड की परीक्षा में इस बार नकल पर भी लगाम रही। सामूहिक  नकल की सूचना कहीं से नहीं आई। इस वर्ष मात्र 81 नकलची ही पकड़े गए। कारण यह रहा कि परीक्षाएं सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हुई। नकल माफिया यहां भी चालाकी नहीं दिखा पाए। बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि केंद्र के बाहर भी निगरानी रखी गई। किसी बाहरी आदमी को केंद्र के अंदर जाने नहीं दिया गया।

बाह्य प्रदेश के परीक्षार्थियों पर भी रही रोक
बोर्ड ने फार्म भरवाने में  सावधानी बरती। गत वर्षों में बाहर प्रदेश के बड़ी संख्या में परीक्षार्थी यहां से परीक्षा  फार्म भरते थे। पश्चिम के कुछ जिलों के लिए यह व्यवसाय था। बोर्ड ने इस पर भी सख्ती से रोक लगाई। नतीजा यह रहा है कि इस बार पांच हजार से परीक्षार्थी ही बाहरी प्रदेशों के रहे जबकि गत वर्षों में इनकी संख्या 40 हजार के आसपास होती रही। सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने इसे भी नई रणनीति का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने परीक्षा प्रक्रिया शुरू होने के पहले ही दिन से नई व्यूरचना पर काम करना शुरू कर दिया था। उसीका नतीजा रहा है कि सबकुछ बेहतर एवं शासन की मंशा अनुरूप निपट गया।

होली बाद गोपनीय ढंग से मूल्यांकन केन्द्र पर भेजी जायेंगी उत्तर पुस्तिकायें 
लखनऊ। यूपी बोर्ड परीक्षा की सभी उत्तर पुस्तिकाओं को अब मूल्यांकन केन्द्रों पर भेजने की प्रक्रिया होली के बाद शुरू होगी। तब तक संकलन केन्द्रों पर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अलर्ट किया गया है। उच्च अधिकारियों ने बताया कि जरा सी लापरवाही डीआईओएस को भारी पड़ सकती है। ऐसे में संकलन केन्द्रों की सुरक्षा में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। 

फार्म भराने में सफल हुए माफिया का तोड़ा चक्रव्यूह
यूपी बोर्ड 2023 की  परीक्षा में नकल माफियाओं ने इस बार विभिन्न स्कूलों से परीक्षार्थियों को भी काफी संख्या में फार्म भरवाया था। पर बोर्ड की रणनीति में यह नकल माफिया फंस गए। परीक्षा की समाप्ति तक कुल 133 प्रॉक्सी परीक्षार्थी दबोच लिए गए। नतीजा यह रहा कि यह फर्जी परीक्षार्थी सलाखों के पीछे हैं साथ ही जहां से इन मुन्नाभाईयों को फार्म भरवाया गया है उन कालेजों को काली सूची में डालकर उनकी मान्यता वापस लेने की कार्रवाई प्रारंभ हो चुकी है। खास बात यह रही कि इस बार प्रश्न पत्रों को चार लेयर वाले मजबूत बंधन रखा गया  था।

इसका परिणाम यह रहा कि कहीं से भी गलत प्रश्नपत्र का लिफाफा भी नहीं खुला। इसकी वजह से दोबारा परीक्षा कराने के झंझट से बोर्ड बचा और राजस्व का नुकसान नहीं हुआ। साथ ही बोर्ड की इसको लेकर किरकिरी भी नहीं हुई। पेपर आऊट की घटना भी प्रदेश में कहीं नहीं हुई। यह भी बोर्ड के लिए पीठ थपथपाने वाली जैसी घटना रही। ऐसे समय जब पेपर आऊट होने की घटना आए दिन हो रही है। और गत वर्षों में ऐसी घटना बोर्ड परीक्षा में होती रही है तो इस बार ऐसी घटना पर रोक लगी। 

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हम सभी टीमों का आभार व्यक्त करते हैं जो इतनी बड़ी परीक्षा में इस बार इतिहास रचते हुए परीक्षा को पूर्ण रूप से नकलविहीन कराते हुए नकल माफिया को पस्त कर दिया। स्ट्रांगरूमों की लगातार जांच, क्षेत्रीय कार्यालय के अपर सचिवों की सर्तकता एवं जिले के शिक्षाधिकारियों की सक्रियता से इतने अच्छे तरीके से परीक्षा संपादित हो पाई।  प्रशासन एवं पुलिस के सहयोग से भी परीक्षा नकल विहीन कराने में मदद मिली। शासन की मंशा के अनुरूप परीक्षा की कराने की चुनौती में हर स्तर पर सभी ने सहयोग दिया। 
(दिव्यकांत शुक्ला सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज) फोटो:अमृत विचार

 

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