
पंजाब में सतर्कता जरूरी
पंजाब में आतंकवाद की वापसी का खतरा मंडरा रहा है। अजनाला थाने पर हमला कर पुलिस को लाचार बना देना बड़ा संकेत रहा। पुलिस अब तीन सप्ताह बाद जाकर कार्रवाई के मोड में आ पाई है। खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है, वहीं उसके समर्थक उग्र हो रहे हैं। शनिवार को उसके नेतृत्व वाले एक संगठन के 78 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था।
अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई के खिलाफ वाईपीएस चौक पर उसके समर्थक धरने पर बैठ गए थे। कौमी इंसाफ मोर्चा की ओर से हुए इस प्रदर्शन में निहंगों ने तलवारें लहराई और अमृतपाल सिंह के समर्थन में नारेबाजी की। भीड़ ने गुरुद्वारा सिंह शहीदां की ओर कूच किया और एयरपोर्ट का रास्ता जाम कर दिया। हालांकि देर रात पुलिस ने रास्ता खाली कराया लेकिन रविवार की सुबह फिर समर्थक सड़क पर उतर आए और रोड जाम कर दी।
पंजाब सरकार ने राज्य में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं के निलंबन की अवधि सोमवार दोपहर तक बढ़ा दी है। पंजाब पुलिस ने पूरे पंजाब में अलर्ट जारी किया है। सारी सीमाओं को सीज कर दिया गया है। तीन जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। केंद्रीय पुलिस फोर्स भी तैनात की गई है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से लगी हुई सीमा पर खास चौकसी बढ़ाई गई है।
अमृतपाल सिंह के चार सहयोगियों को रविवार को असम के डिब्रूगढ़ जिले में ले जाया गया है। वहां उन्हें सेंट्रल जेल में रखा जाएगा। कौन कह सकता था कि ऐसे दिन पंजाब को फिर देखने पड़ेंगे ? पंजाब में आठवें दशक में आतंकवाद सिर चढ़कर बोला था और आम आदमी का जीना दूभर हो गया था। अनेक लोग पंजाब छोड़कर अन्य राज्यों में बस गए थे। व्यापार कारोबार तक नए सिरे से जमाने को मजबूर हुए।
आतंकवाद के वे काले दिन याद करते ही सिहरन सी होने लगती है। अघोषित कर्फ्यू के दिन और रातें थीं। अखबार आतंकवादी गतिविधियों से भरे रहते थे। सन् 84 का स्वर्ण मंदिर में ब्लू स्टार ऑपरेशन अक्टूबर में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या से चरम सीमा पर पहुंच गया था। राजीव गांधी ने लौंगोवाल समझौता कर हालात सुधारने की कोशिश की।
तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को शहादत देकर आतंकवादियों से निपटने की कीमत चुकानी पड़ी। ये काले साये एक बार फिर पंजाब में वैसे ही मंडरा रहे हैं। इसे समय रहते केंद्र सरकार को नियंत्रित करने की जरूरत है। इससे पहले कि यह अलगाववादी विचार फिर से फैले, इसे शुरूआत में ही दबाना पड़ेगा।
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