... और तो और मृतक किशोर के पिता को भी बना दिया आरोपी

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Published By Jagat Mishra
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नदी में डूबकर किशोर की मौत और पोकलैंड जलाने का मामला 

अमृत विचार, चित्रकूट। सरधुआ थानांतर्गत गड़ौली गांव में नदी में डूबकर हुई किशोर की मौत मामले में दर्ज रिपोर्ट आश्चर्यजनक भी है और चिंता में डालने वाली भी। इसमें सदर विधायक अनिल प्रधान सहित 12 पर नामजद और लगभग तीस अज्ञात लोगों पर ग्लिंट ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड के खंड संचालक बनवारी लाल वर्मा की कई गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है पर सबसे चौकाने वाला नाम मृतक किशोर के पिता का है, जिसको भी इस रिपोर्ट में एक आरोपी बनाया गया है। 

आश्चर्य की बात तो यह है कि बनवारी  शर्मा द्वारा कमासिन थाने में जो रिपोर्ट दर्ज कराई है, उसमें गड़ौली निवासी कुबेर पुत्र मइयादीन का नाम भी है। कुबेर मृतक किशोर का पिता है। रिपोर्ट में कई अन्य गांववालों के भी नाम हैं। गौरतलब है कि 19 मार्च को सरधुआ गांव निवासी अनुसूचित जाति के युवक कुबेर का पुत्र सचिन (17) बागें नदी में नहाने गया था और वहां डूबकर उसकी मौत हो गई थी। इस संबंध में कुबेर ने आरोप लगाया था कि जलधारा में अवैध खनन करने से हुए गड्ढे में डूबकर उसके बेटे की जान गई है। उसने बालू खनन ठेकेदार अरुण, जनार्दन और रामजीत पुत्र श्याम, अमरपाल पुत्र उदय निवासी सेऊहट (लोहरा) थाना कमासिन बांदा पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में उसने बताया था कि लोहरा खदान का मालिक राशिद अली पुत्र शमीम अहमद गांव जिंदोपुर ठेकमा आजमगढ़ का निवासी है और अवैध खनन की शिकायत समय समय पर अधिकारियों से की जाती रही है। रिपोर्ट में उसने यह भी इंगित किया था कि उसके बेटे की मौत की जानकारी होने पर ठेकेदारों ने अपनी पोकलैंड में आग भी लगा दी है। 

पूरे मामले ने नया मोड़ तब ले लिया, जब बीते दिन कमासिन (बांदा) में खंड संचालक ग्लिंट ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड बनवारी लाल वर्मा ने रिपोर्ट दर्ज कराई। इसमें उसने गड़ौली निवासी रामकृष्ण उर्फ चुन्नू और धनंजय उर्फ मुन्ना पुत्र शिवसेवक, शिवबालक पुत्र मूरत, लक्ष्मीकांत पुत्र हीरालाल, धर्मपाल पुत्र सदलू, सत्येंद्र कुमार पुत्र भइयालाल, धीरेंद्र कुमार उर्फ बाबा पुत्र भइयालाल, बुद्धविलास पुत्र रुद्र प्रसाद के साथ मृतक सचिन के पिता कुबेर पुत्र मइयादीन को आरोपी बनाया है। बात यहीं तक नहीं है। बनवारी लाल ने रिपोर्ट में इसके अलावा पदनाम से जनप्रतिनिधियों को भी नामजद किया है। उसने ब्लाक प्रमुख कमासिन, ग्राम पंचायत अध्यक्ष लोहरा और विधायक चित्रकूट को रिपोर्ट में आरोपी बनाया है। इसके अलावा पच्चीस से तीस व्यक्ति अज्ञात आरोपी बनाए गए हैं। 

उसने बताया है कि उसकी कंपनी ग्लिंट ट्रेडिंग प्रा. लि. का लोहरा मोरंग पट्टा है, जो ग्राम लोहरा, कमासिन तहसील बबेरू जिला बांदा में स्थित है। उसका आरोप है कि जब से खदान का संचालन शुरू हुआ , उसी दिन से कमासिन ब्लाक प्रमुख द्वारा रंगदारी मांगी जा रही है। ऐसा न करने पर कहा जा रहा है कि खदान नहीं चलने दूंगा। उसका कहना है कि ब्लाक प्रमुख द्वारा एक महीने में 15 बार नाप कराई जा चुकी है। आरोप लगाया कि ब्लाक प्रमुख और लोहरा ग्राम पंचायत अध्यक्ष एक ही परिवार के हैं और लगातार गांव के अराजक तत्वों को लेकर खदान क्षेत्र में बवाल मचवाते रहे हैं। 19 मार्च को खदान के उस पार कोई लड़का डूब गया, जिसकी जानकारी पाकर कुछ लोग इकट्ठा हो गए और आरोपियों ने दो पोकलैंड मशीनों, छह ड्रमों में भरा 12 सौ लीटर डीजल, 10 खाली ड्रम और कर्मचारियों के रहने के लिए बनी झोपड़ी में आग लगा दी। कैमरा और डीवीआर तोड़कर पानी में फेंक दिया। किसी तरह कर्मचारियों ने भागकर जान बचाई। उसने विधायक पर भीड़ को उकसाने और कमासिन ब्लाक प्रमुख द्वारा आरोपियों को बचाने के लिए शासन-प्रशासन का सहयोग लेने का आरोप लगाया है।            

रिपोर्ट में विधायक का पदनाम पर नाम नहीं
रिपोर्ट में जनप्रतिनिधियों के नाम का उल्लेख न किया जाना भी पूरे मामले को चर्चा में लाता है। इसमें विधायक चित्रकूट नाम अज्ञात, ब्लाक प्रमुख कमासिन नाम अज्ञात, और ग्राम पंचायत अध्यक्ष लोहरा नाम अज्ञात के नाम से रिपोर्ट है। सवाल यह उठ रहे हैं कि शिकायतकर्ता ने जब अपना स्थायी पता लोहरा कमासिन बांदा दिया है तो क्या उसे वहां के ब्लाक प्रमुख और ग्राम पंचायत अध्यक्ष का नाम नहीं पता होगा। शिकायतकर्ता ने अपना वर्तमान पता तहसील रतनगढ़ कोतवाली चुरू राजस्थान बताया है। 

कहीं ऊपर से तो नहीं हुआ इशारा...
जिस तरह से आननफानन में यह रिपोर्ट दर्ज की गई है, उससे कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। पुलिस अधिकारी भी इस संबंध में खुलकर कुछ भी बताने को तैयार नहीं। हालांकि अपुष्ट सूत्रों की मानें तो किसी उच्चाधिकारी के फोन आने के बाद ही यह कार्रवाई हुई है। 

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