Chaitra Navratri 2023: आस्था का केंद्र है माता रानी का दरबार, भक्तों की पूरी होती है पुकार

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Published By Priya
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मुरदाबाद, अमृत विचार। शहर की जिगर कालोनी में नट बाबा मंदिर के पास  स्थित मां काली का मंदिर आस्था का बड़ा केंद्र है।  भले ही काली माता मंदिर की स्थापना को एक दशक हुआ हो, लेकिन मां की महिमा दूर-दूर तक है। काफी दूर-दूर से लोग आस्था विश्चास की डोर में बंधकर यहां आते हैं। मां के चरणों में शीश नवाकर मनोकामना मांगते हैं।

 नवरात्र में अन्य दिनों की अपेक्षा श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ रहती है। बताते हैं कि नटबाबा के मंदिर के नाम से ही यह मंदिर मुरादाबाद समेत आसपास में प्रसिद्ध है, लेकिन दस साल पहले किसी भक्त की ओर से मां काली की मूर्ति और मंदिर की स्थापना कराई गई। नट बाबा मंदिर की स्थापना के पीछे कहानी है कि यह मंदिर काफी प्राचीन है। कई बरस पुराना है। मंदिर की जगह के ही पास में सदियों पहले कोठी का निर्माण हो रहा था।

दिन में निर्माण होता और रात में वह गिर जाता था, फिर निर्माण कराने वाले के सपने में आया और कहा गया कि यहां से एक ईंट उठाकर पास में रख दो। ऐसा करने से समस्या दूर हो गई। बाद में ईंट की जगह मंदिर बनवा दिया गया। मंदिर के मुख्य द्वार में प्रवेश करते ही बायी ओर शंकर जी की विशालकाय मूर्ति स्थापित है। सामने शिवलिंग और नंदी भी विराजमान हैं। 

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