रामपुर : 34- स्वार उपचुनाव में 299082 मतदाता चुनेंगे अपना विधायक
159929 पुरुष और 139097 हैं महिला मतदाता, 56 थर्ड जेंडर 330 बूथों पर करेंगे मतदान, छजलैट प्रकरण में अब्दुल्ला की विधायकी जाने के बाद हो रहा उप चुनाव
रामपुर, अमृत विचार। 34-स्वार उपचुनाव में 299082 मतदाता अपना विधायक विधायक चुनेंगे। इनमें 159929 पुरुष और 139097 हैं महिला मतदाता, 56 थर्ड जेंडर हैं जोकि, 330 बूथों पर मतदान करेंगे। छजलैट प्रकरण में अब्दुल्ला की विधायकी जाने के बाद 34-स्वार में उपचुनाव की तैयारियां शुरू हो गईं। हालांकि, राजनैतिक दल जनवरी और फरवरी में सक्रिय हो गए थे। लेकिन, मार्च में ऐलान होते हुए नेताओं के फोन घनघनाने शुरू हो गए हैं।
पूर्व मंत्री आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम के छजलैट प्रकरण में मुरादाबाद की एमपी एमएलए कोर्ट में सजा सुनाने के बाद विधायकी चली चली गई थी। चुनाव आयोग ने बुधवार को 34- स्वार में उपचुनाव कराए जाने के लिए ऐलान कर दिया है। उपचुनाव का ऐलान होते ही प्रशासन तैयारियों में जुट गया है। जगह-जगह लगे होर्डिंग्स और बैनर उतरवाए जा रहे हैं। इसके अलावा क्रिटिकल बूथों की सूची तैयार कराई जा रही है। पूर्व मंत्री आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम स्वार-टांडा विधान सभा क्षेत्र से दो बार विधायक चुने गए लेकिन, एक बार भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।
पहली बार उन्होंने वर्ष 2017 में बसपा प्रत्याशी नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां को शिकस्त दी थी। इसके बाद वह अब्दुल्ला आजम के नाबालिग होने का मामला नवेद मियां हाईकोर्ट में ले गए और अब्दुल्ला की विधायकी महज ढाई वर्ष में चली गई थी। वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर अब्दुल्ला सपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े और उन्होंने पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां के पुत्र हैदर अली खां उर्फ हमजा मियां को करारी शिकस्त दे दी।
मुजफ्फरनगर जाते हुए छजलैट में उनके वाहन की तलाशी पर 15 वर्ष पूर्व वर्ष 2008 में उन्होंने और उनके पिता आजम खां ने रोड जाम कर दिया था। छजलैट प्रकरण में एमपी-एमएलए कोर्ट मुरादाबाद ने दो साल की सजा सुनाई जिसके बाद अब्दुल्ला की विधायकी चली गई। इससे पहले अब्दुल्ला आजम ने वर्ष 2017 में स्वार-टांडा विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। उनके प्रतिद्वंदी नवाब काजिम अली खां ने हाईकोर्ट में यह कहते हुए चुनौती दी थी कि अब्दुल्ला न्यूनतम आयु को पूरा नहीं करते हैं। इस मामले में हाईकोर्ट ने दिसंबर 2019 में अब्दुल्ला की विधायकी रद्द कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के आदेश को बहाल रखा था। लेकिन, मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के कारण उप चुनाव नहीं हो सका था।
वर्ष 2022 में स्वार-टांडा विधानसभा क्षेत्र में इनको इतने मिले थे वोट
अब्दुल्ला आजम को मिले वोट- 126162
हैदर अली खां उर्फ हमजा मियां- 65059
जीत का अंतर- 61103
जिले में सपा की तीन और भाजपा की जीतीं थीं दो सीटें
वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में सपा के तीन प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी जबकि, भाजपा को महज दो सीटों पर संतोष करना पड़ा था। 28 अक्टूबर 2022 को पूर्व मंत्री आजम खां को भड़काऊ भाषण मामले में सजा सुनाए जाने के बाद हुए उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना उर्फ हनी ने सपा प्रत्याशी आसिम राजा को करारी शिकस्त दी थी। अब देखना यह है कि 10 मई को स्वार-टांडा की जनता किसके सिर पर ताज सजाती है।
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