UP Nikay Chunav 2023 : बिना कप्तान मुरादाबाद में सपा, अब तक मनोनयन नहीं

नगर निकाय चुनाव में टिकट के दावेदारों के सामने भी असमंजस की स्थिति, भाजपा ने निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव को लेकर उतार रखी है पार्टी नेताओं की फौज

UP Nikay Chunav 2023 : बिना कप्तान मुरादाबाद में सपा, अब तक मनोनयन नहीं

51 जिलों में घोषित हो चुके हैं जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष, मुरादाबाद में फंसा है पेच

मुरादाबाद, अमृत विचार। नगर निकाय चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद भी अभी तक जिले में समाजवादी पार्टी बिना कप्तान अर्थात बगैर जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों के है। मंगलवार से नामांकन होने हैं और जिले में पार्टी नेतृत्व विहीन है। ऐसे में नगर निकाय चुनाव में पार्टी के दावेदारों के हौसले में भी कमी है। 

एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी ने नगर निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी नेताओं की फौज उतार रखी है तो दूसरी ओर सपा जिले में नेतृत्व विहीन है। विधानसभा चुनाव में पार्टी की उम्मीदों के अनुरूप प्रदेश में प्रदर्शन न होने और सरकार न बनने से नाराज राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जिलों की कमेटियां भंग कर दी थी। इससे भंग कमेटियों के पदाधिकारियों में थोड़ी निराशा हुई। इसमें से कई को दोबारा अवसर मिलने की आस बनी रही।

पिछले सप्ताह अलग-अलग सूची जारी कर 51 जिलों में राष्ट्रीय अध्यक्ष की संस्तुति पर प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष की घोषणा कर दी लेकिन मुरादाबाद में अभी भी पेच है। न तो जिलाध्यक्ष और न महानगर अध्यक्ष सहित किसी अन्य पद पर किसी को मनोनीत किया गया। सबको उम्मीद थी कि निकाय चुनाव से पहले पदाधिकारियों का मनोनयन हो जाएगा, लेकिन अभी इंतजार खत्म नहीं हुआ। 

हर कार्यकर्ता कप्तान, निकाय चुनाव में सपा का दिखेगा जोर
सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष डीपी यादव कहते हैं कि सपा का हर कार्यकर्ता कप्तान है। वह राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व के हर निर्देश को शिरोधार्य कर समाजवाद को मजबूत कर रहा है। निकाय चुनाव में सपा जोर दिखेगा। क्योंकि भाजपा खोखले वादे करती है। गरीबों को इस सरकार से केवल छलावा मिला है। 

गरीबों को उजाड़ना बनेगा निकाय चुनाव में मुद्दा 
निवर्तमान अध्यक्ष कहते हैं कि स्मार्ट सिटी के नाम पर लूट मची है। शहर में विकास के नाम पर सैकड़ों वर्ष पुरानी सब्जी-फल मंडी को उजाड़कर गरीबों के पेट पर सरकार ने लात मारा है। काली मंदिर के जाने वाले रास्ते में तमाम अड़चन हैं। युवाओं को न तो उच्च शिक्षा के लिए रास्ता मिला है और न रोजगार व नौकरी भाजपा की सरकारें दे पा रही हैं। अपराध नियंत्रण का दिखावा है। यह सभी मुद्दे चुनाव में प्रमुख हैं। नगर निगम के महापौर और वार्डों में अधिकांश पर सपा के प्रत्याशी जनता के आशीर्वाद से जीतेंगे और भाजपा का दंभ टूटेगा।

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