लखनऊ : डीआरएम को पत्र लिखकर सांसद मेनका गांधी ने मांगा एक करोड़ हर्जाना
तेजी से फैल रही है सुल्तानपुर सांसद की रेलवे की जमीन पर गिरने की चर्चा
लखनऊ, अमृत विचार। भारतीय जनता पार्टी सुल्तानपुर से सांसद मेनका गांधी ने उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल रेल प्रबंधक एस के सपरा को पत्र लिखकर एक करोड़ का हर्जाना या पक्की सड़क बनाने की मांग की है। सांसद ने मार्ग के निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी को एनओसी निर्गत करने की मांग की है। जिसपर डीआरएम की तरफ से सांसद को पक्की सड़क बनवाने का वादा किया गया है। बीते सोमवार की शाम सुल्तानपुर जिला मुख्यालय के घासीगंज वार्ड में खराब सड़क व कीचड़ के बीच चुनाव प्रचार करने पहुंची थी जहां मेनका गांधी गाड़ी से उतरकर पैदल चलने लगी।
इस दौरान वे फिसल कर गिर गई। जिसका एक वीडियो वायरल हो गया था जिसको सांसद ने गंभीरता से लिया। उन्होंने रेलवे के जिम्मेदारों को निशाने पर लिया। वहीं दूसरे दिन भाजपा की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया था कि सांसद जिस सड़क पर फिसल कर गिरी थी वह रेलवे की जमीन है। जिस पर बिना रेलवे की अनुमति के सड़क नहीं बनाई जा सकती है। ऐसे में सांसद मेनका गांधी ने रेलवे के डीआरएम को फोन कर गिरने की वजह से कमर टूटने व उसके इलाज के लिए एक करोड़ रुपये के खर्च का हवाला दे दिया। उन्होंने विकल्प दिया है कि एक करोड़ के बजाए रेलवे मौके पर आम जनता के लिए पक्की सड़क बनायें। सांसद के मुताबिक सड़क बनाने का वादा डीआरएम ने किया है।
वहीं इस संबंध में जब उत्तर रेलवे के डीआरएम एस के सपरा से बात हुई है उन्होंने बताया कि सांसद जी का पत्र कल मुझे मिला है जिनमे दो कार्य है एक कोईरीपुर में वाराणसी से रोजाना चलने वाली शटल ट्रेन का स्टापेज और दूसरा यार्ड की रोड बनाने की । एक करोड़ रुपये की हर्जाना देने की बात फोनवार्ता है। हम नियम चेक करा रहे हैं एप्रोच रोड डीआरएम की पावर में नहीं आता है। ऐसे कई प्रपोजल पहले भी आये हैं। जो जमीन रेलवे की है उस पर भविष्य में नई रेल लाइन की योजना भी हो सकती है ऐसे में रोड बनाना संभव नहीं है नियम के अनुसार जो होगा वह कार्य कराया जायेगा ।
खराब सड़कों का दंश झेल रही जनता
सुल्तानपुर शहर में खराब सड़कों का दंश जनता लंबे समय से झेल रही है। कई मोहल्ले में अभी तक कच्ची सड़क है, वहीं पक्की सड़कों पर भी भ्रष्टाचार के गड्ढे आम जनता की गाढ़ी कमाई को डुबो रहे हैं। हर बार चुनाव में अच्छी सड़क व विकास का वादा किया जा रहा है लेकिन चुनाव बाद नेता आम आदमी की पीड़ा को भूल जा रहे हैं। नगर निकाय चुनाव में फिर से इसी तरह के वादे किए जा रहे हैं।
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