पत्रकार को संस्कृति एवं मूल्यों के प्रति आस्थावान होना चाहिए: मनोजकांत
लखनऊ। विश्व संवाद केन्द्र जियामऊ के अधीश सभागार में रविवार को देवर्षि नारद जयंती का आयोजन किया गया। अतिथियों ने देवर्षि नारद और भारत माता के चित्र पर पुष्पार्चन व दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर बोलते हुए कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली के अधिवक्ता डी.के.दुबे ने कहा कि सत्य को समाज के सामने उजागर करना पत्रकारिता का धर्म है। देशहित में पत्रकारिता होनी चाहिए और पत्रकारों को लोकनीति के पक्ष में लिखना चाहिए।
डी.के.दुबे ने कहा कि मीडिया को राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सभी को बोलने का समान संवैधानिक अधिकार है लेकिन हम वह न बोलें जिससे समाज में विघटन की स्थिति उत्पन्न हो। हम समाज के समाने वही चीजें प्रस्तुत करें जिससे हमारी सम्प्रभुता बरकरार रहे।
पत्रकार को संस्कृति एवं मूल्यों के प्रति आस्थावान होना चाहिए
बीज वक्तव्य देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के सह क्षेत्र प्रचार प्रमुख मनोजकान्त ने कहा कि पत्रकार को संस्कृति एवं मूल्यों के प्रति आस्थावान होना चाहिए। देवर्षि नादज जी के जीवन को देखेंगे तो वह सत्य के आग्रही थे। देवर्षि नारद का कार्यक्षेत्र पूरा ब्राह्राण्ड था। सत्य कहने का उनमें साहस था और सटीक सूचनाएं उनके पास रहती थी। सत्य के आधार पर लोककल्याण के लिए वह सूचनाओं को आदान प्रदान करते थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति प्रो. एन.बी.सिंह ने कहा कि देशहित समाजहित व लोकहित में पत्रकारिता करनी चाहिए। मीडिया को सत्य पर आधारित खबरें ही दिखानी चाहिए। इस अवसर पर विश्व संवाद केन्द्र के अध्यक्ष नरेन्द्र भदौरिया,सामाजिक समरसता विभाग अवध प्रान्त के संयोजक राज किशोर और अवध प्रान्त के सह प्रचार प्रमुख डा.शचीन्द्र प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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